अलवर किसके भक्त थे अलवर किसके भक्त हैं
Answers
Answer:
आलवार अर्थ : ‘भगवान में डुबा हुआ' तमिल कवि एवं सन्त थे। इनका काल ६ठी से ९वीं शताब्दी के बीच रहा। उनके पदों का संग्रह "दिव्य प्रबन्ध" कहलाता है जो 'वेदों' के तुल्य माना जाता है। आलवार सन्त भक्ति आन्दोलन के जन्मदाता माने जाते हैं।
Explanation:
विष्णु या नारायण की उपासना करनेवाले भक्त 'आलवार' कहलाते हैं। इनकी संख्या 12 हैं। उनके नाम इस प्रकार है -
(1) पोय्गै आलवार
(2) भूतत्तालवार
(3) पेयालवार
(4) तिरुमालिसै आलवार
(5) नम्मालवार
(6) मधुरकवि आलवार
(7) कुलशेखरालवार
(8) पेरियालवार
(9) आण्डाल
(10) तोण्डरडिप्पोड़ियालवार
(11) तिरुप्पाणालवार
(12) तिरुमंगैयालवार।
इन बारह आलवारों ने घोषणा की कि भगवान की भक्ति करने का सबको समान रूप से अधिकार प्राप्त है। इन्होंने, जिनमें कतिपय निम्न जाति के भी थे, समस्त तमिल प्रदेश में पदयात्रा कर भक्ति का प्रचार किया। इनके भावपूर्ण लगभग 4000 गीत मालायिर दिव्य प्रबन्ध में संग्रहित हैं। दिव्य प्रबन्ध भक्ति तथा ज्ञान का अनमोल भण्डार है।