Social Sciences, asked by ishant170498, 3 months ago

अमेजन बेसिन में मानव जीवन कठिन है कैसे​

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Answered by prapti200447
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अमेज़न बेसिन अमेज़न नदी और उसकी सहायक नदियों द्वारा निकास वाला दक्षिण अमेरिका का हिस्सा है। अमेज़न जल निकासी बेसिन में 6,915,000 km2 क्षेत्र (2,670,000 वर्ग मील) को शामिल किया गया है या दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप का लगभग 40 प्रतिशत। यह बोलीविया, ब्राजील, कोलंबिया, इक्वाडोर, गुयाना, पेरू, सूरीनाम और वेनेजुएला के देशों में स्थित है।

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Answered by rajbalasharma623
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Answer:

अमेजन वर्षावन दक्षिण अमेरिका के अमेजन बेसिन के करीब 55 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला है, जो भारत के कुल क्षेत्रफल से लगभग दोगुना और यूरोपीय देशों के क्षेत्रफल से डेढ़ गुना बड़ा है। नौ देशों (ब्राजील, बोलिविया, कोलंबिया, इक्वाडोर, गिनी, पेरू, फ्रेंच गिनी, सूरीनाम और वेनेजुएला) में अमेजन का जंगल फैला है, जहां लगभग 39 हजार करोड़ पेड़ तथा पेड़-पौधों की 16 हजार से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। यही कारण अमेजन को विश्व का सबसे बड़ा जंगल भी बनाते हैं। यह हाथी, जिराफ, बाघ, शेर, गैंडा, औरांगउटांग आदि प्रजातियों के वन्यजीवों का प्रवास स्थल भी है। विश्व के सबसे बड़े इस जंगल से विश्व की दूसरी सबसे बड़ी नदी बहती है, जिसे ‘‘अमेजन नदी’’ के नाम से जाना जाता है। नौ देशों के विशाल क्षेत्र में फैले अमेजन के जंगल विश्व को 20 प्रतिशत ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, जिससे इन्हें पृथ्वी का फेंफडा भी कहा जाता है, लेकिन एक महीने से भी अधिक समय से धूं-धूं कर जलने के कारण अमेजन के जंगल की सांसे थमती दिख रही हैं और पृथ्वी का भविष्य आईसीयू पर जाता दिख रहा है। ऐसे में पृथ्वी पर संकट भी बढ़ रहा है।

अगस्त माह के दूसरे सप्ताह में ब्राजील में अमेजन के जंगलों में आग लगी थी, लेकिन आग धीरे-धीरे फैलती गई और फिर आग ने एक भयावह रूप धारण कर लिया। आग की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अंतरिक्ष से अमेजन की आग को देखा जा सकता है और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने तस्वीरें भी साझा की हैं। आग से ब्राजील के उत्तरी राज्य रोरैमा, एक्रे, रोंडोनिया और अमेजोनिया बुरी तरह प्रभावित हैं। आग को बढ़ता देख ब्राजील में आपातकाल घोषित कर दिया है। आग से निकलने वाले धुंए का असर दक्षिण अमेरिका के नौ देशों पर भी देखने को मिल रहा है। ब्राजील में तो दमघोंटू धुंए ने जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है, लेकिन सरकार फिलहाल आग पर काबू पाने में नाकामयाब रही है। नासा की माने तो अमेजन में लगी आग का धुंआ अटलांटिक तटों तक फैल रहा है और 2800 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को घेर रहा है। गौरतलब है कि ये अमेजन के जंगलों में आग लगने की पहली घटना नहीं हैं। पहले भी कई बार जंगल में आग लगती रही है, पर इस वर्ष जितनी भयावह आग कभी नहीं लगी, लेकिन इसके बावजूद भी हम पर्यावरण के प्रति अपेक्षाकृत कम संजीदा है।

दरअसल ऑक्सीजन के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है। इंसानों सहित प्रत्येक जीव-जंतु का जीवन ऑक्सीजन पर ही निर्भर करता है। पृथ्वी पर मौजूद इसी ऑक्सीजन का 20 प्रतिशत अकेले अमेजन के जंगल पैदा करते हैं। यह विश्व की कुल दस प्रतिशत जैव विविधता वाला क्षेत्र भी है। इससे अमेजन के जंगल के महत्व का अंदाजा लगाया जात सकता है, लेकिन प्रकृति को दरकिनार कर हमारे अनियमित विकास ने पृथ्वी के संतुलन को ही बिगाड़ दिया है, जिसका खामियाजा वर्तमान पीढ़ी तो भुगत ही रही है, साथ ही आने वाली पीढ़ी को भी भुगताना पढ़ेगा। हमने विकास के नाम पर पृथ्वी को प्राण वायु देने वाले जंगलों को इस कदर नजर अंदाज किया कि आज पृथ्वी आईसीयू में भर्ती और इंसान का जीवन वैंटीलेटर पर है। इसलिए मानव जीवन को बचाने के लिए पृथ्वी को बचाना जरूरी है और पृथ्वी को बचाने के लिए जंगलों को। पर्यावरण का ये काम प्रत्येक नागरिक को अपना कर्तव्य समझकर करना होगा, तभी हम आने वाली पीढ़ियों के साथ ही पृथ्वी को भी एक सुरक्षित भविष्य प्रदान कर सकेंगे।

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