अमीर खुसरो की भाषा की विशेषता बताइए
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Explanation:
अमीर siddique,ने कुछ मुकरियां ओर पहेलियां खंडीबोली भासा मै लिखी थी एब उन्होंने कुछ रचनाए लिख कर हिन्दी ओर उर्दू के भव्हिस्य खोल दिए।
Answer:
इस देश के हर क्षेत्र और क्षेत्र में अलग-अलग भाषाएं हैं। सिंधी, लाहौरी (पंजाबी), कश्मीरी, कुबरी, धुर-सतनंदरी (कन्नड़), तिलंगी (तेलुगु), गुजर (गुजराती), माबारी (तमिल ), गौरी (उत्तरी बंगाल की बोली), बंगाली, अवध (अवधी), देहली। चारों ओर, इस भूमि की सीमाओं के भीतर, प्राचीन काल से ये हिंदवी भाषाएँ हैं, और ये सभी लोगों द्वारा सभी उद्देश्यों के लिए बोली जाती हैं। ”
Explanation:
दिल्ली के हज़रत अमीर खुसरो मध्यकालीन भारत के महानतम कवियों में से एक थे। उन्होंने अपने समय की शालीन भाषा फारसी और जनता की भाषा हिंदवी दोनों में लिखा। वही हिंदवी बाद में हिंदी और उर्दू नामक दो सुंदर भाषाओं में विकसित हुई। प्रसिद्ध सूफी संत हजरत निजामुद्दीन औलिया के एक शिष्य, कव्वाली, दक्षिण एशियाई सूफी संगीत और भारतीय इस्लामी रहस्यवादी संस्कृति, सूफीवाद के विकास में खुसरो के योगदान बहुत महत्वपूर्ण थे। उन्हें सितार और कई अन्य संगीत वाद्ययंत्रों के आविष्कार का श्रेय भी दिया जाता है। माना जाता है कि ख्याल और तराना, हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के दो लोकप्रिय रूप, उनके द्वारा खोजे गए थे। अमीर खुसरो को गंगा-जमानी तहज़ीब या भारतीय संस्कृति के संस्थापक के रूप में भी याद किया जाता है "जो मुस्लिम और हिंदू तत्वों का संश्लेषण है।"