Hindi, asked by suraj26418, 4 months ago

अमरकांत का साहित्यिक परिचय​

Answers

Answered by mdsaddam11hu
11

Answer:साहित्यिक परिचय इन लास्ट

In short

साहित्य अकादमी और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार अमरकांत का इलाहाबाद में 17 फरवरी 2014 को निधन हो गया. वह 80 वर्ष के थे. अमरकांत हिंदी कथा साहित्य में प्रेमचंद के बाद यथार्थवादी धारा के प्रमुख कहानीकार थे. हिंदी साहित्य जगत में अमरकांत को भारत के मैक्सिम गोर्गी के नाम से भी जाना जाता था. उन्हें यह नाम यशपाल ने दिया. अमरकांत प्रेमचंद की परंपरा के कहानीकार थे.

In long

जीवन परिचय

अमरकान्त का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगारा गांव में 1 जुलाई 1925 को हुआ था. उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए किया. इसके बाद उन्होंने साहित्यिक सृजन को चुना. बलिया में पढ़ते समय उनका सम्पर्क स्वतन्त्रता आंदोलन के सेनानियों से हुआ. इसके बाद वे स्वतन्त्रता-आंदोलन से जुड गए. उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ एक पत्रकार के रूप में हुआ.

पुरस्कार

• अमरकांत को वर्ष 2007 में उनके उपन्यास 'इन्हीं हथियारों से' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. यह उपन्यास भारत छोड़ो आंदोलन की पृष्ठभूमि पर लिखा गया है.

• वर्ष 2009 में उन्हें देश के सर्वोच्च साहित्य सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

• वर्ष 2009 में उन्हें 'व्यास सम्मान' से सम्मानित किया गया था.

• अमरकांत को सोवियतलैंड नेहरू पुरस्कार, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान पुरस्कार, मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार, यशपाल पुरस्कार, जन-संस्कृति सम्मान, मध्य प्रदेश का 'अमरकांत कीर्ति` सम्मान, से भी सम्मानित किया गया.

• वर्ष 1948 में आगरा के दैनिक पत्र ‘सैनिक’ के संपादकीय विभाग में नौकरी के साथ उन्होंने पत्रकारिता के सफर की शुरुआत की थी.

• कई पत्र पत्रिकाओं में काम करने के बाद ‘मनोरमा’ के संपादकीय विभाग से अवकाश प्राप्त किया था.

साहित्यिक परिचय

कहानी संग्रह

अमरकांत की प्रमुख कहानियां निम्नलिखित हैं. कहानीकार के रूप में उनकी ख्याति सन् 1955 में कहानी डिप्टी कलेक्टरी से हुई.

‘जिंदगी और जोंक’ 2. ‘देश के लोग’ 3. ‘मौत का नगर’ 4. ‘मित्र मिलन तथा अन्य कहानियाँ’ 5. ‘कुहासा’ 6. ‘तूफान’ 7. ‘कला प्रेमी’ 8. ‘प्रतिनिधि कहानियाँ’ 9. ‘दस प्रतिनिधि कहानियाँ’ 10. ‘एक धनी व्यक्ति का बयान’ 11. ‘सुख और दुःख के साथ’ 12. ‘जांच और बच्चे’ 13. ‘अमरकांत की सम्पूर्ण कहानियाँ’ (दो खंडों में) 14. ‘औरत का क्रोध’.

उपन्यास

‘सूखा पत्ता’ 2. ‘काले-उजले दिन’ 3. ‘कंटीली रह के फूल’ 4. ‘ग्राम सेविका’ 5. ‘पराई डाल का पंछी’ बाद में ‘सुखजीवी’ नाम से प्रकाशित 6. ‘बीच की दीवार’ 7. ‘सुन्नर पांडे की पतोह’ 8. ‘आकाश पक्षी’ 9. ‘इन्हीं हथियारों से’ 10. ‘विदा की रात’ 11. लहरें, 12.खुदीराम इत्यादि उनके प्रमुख उपन्यास थे.

संस्मरण

1.‘कुछ यादें’, 2. ‘कुछ बातें’ 3.‘दोस्ती’

बाल साहित्य

1. ‘नेऊर भाई’ 2. ‘वानर सेना’ 3. ‘खूँटा में दाल है’ 4. ‘सुग्गी चाची का गाँव’ 5. ‘झगरू लाल का फैसला’ 6. ‘एक स्त्री का सफर’ 7. ‘मँगरी’ 8. ‘बाबू का फैसला’ 9. दो हिम्मती बच्चे.

Explanation:

साहित्यिक परिचय इन लास्ट

Answered by guptaarchita318
0

Answer:

अमरकांत का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगरा गांव में हुआ। उनका मूल नाम श्री राम वर्मा है, उनकी आरंभिक शिक्षा बलिया में हुई। तत्पश्चात उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए की डिग्री प्राप्त की। साहित्य-सृजन में उनकी बचपन से ही रुचि थी, किशोरावस्था तक आते-आते उन्होंने कहानी लेखन प्रारंभ कर दिया था।

अमरकांत ने अपने साहित्यिक जीवन की शुरुआत पत्रकारिता से की। सबसे पहले उन्होंने आगरा से प्रकाशित होने वाले दैनिक पत्र सैनिक के संपादकीय विभाग में कार्य करना आरंभ किया और यही वह प्रगतिशील लेखक संघ से भी जुड़े। इसके अतिरिक्त उन्होंने दैनिक अमृत पत्रिका तथा दैनिक भारत के संपादक की विभागों में भी काम किया। कुछ समय तक वे कहानी पत्रिका के संपादन से भी जुड़े रहे।

Explanation:

अमरकांत नई कहानी आंदोलन के एक प्रमुख कहानीकार है। उन्होंने अपनी कहानियों में शहरी और ग्रामीण जीवन का यथार्थ चित्रण किया है। वह मुख्यतः मध्यवर्ग के जीवन की वास्तविकता और विसंगतियों को व्यक्त करने वाले कहानीकार है। वर्तमान समाज में व्याप्त अमानवीयता , हृदयहीनता , पाखंड , आडंबर आदि को उन्होंने अपनी कहानियों का विषय बनाया है। आज के सामाजिक जीवन और उसके अनुभवों को अमरकांत ने यथार्थवादी ढंग से अभिव्यक्त किया है। उनकी शैली की सहजता और भाषा की सजीव का पाठकों को आकर्षित करती है। आंचलिक मुहावरों और शब्दों के प्रयोग से उनकी कहानियों में जीवंतता आती है। अमरकांत की कहानियों के शिल्प में पाठकों को चमत्कृत करने का प्रयास नहीं है। वे जीवन की कथा उसी ढंग से कहते हैं, जिस ढंग से जीवन चलता है।

अमरकांत की मुख्य रचनाएं हैं – जिंदगी और जोक, देश के लोग, मौत का नगर, मित्र मिलन, कुहासा (कहानी संग्रह); सूखा पत्ता, ग्राम सेविका, काले उजले दिन, सुख जीवी, बीच की दीवार, इन्हीं हथियारों से (उपन्यास)। 'इन्हीं हथियारों से' उपन्यास पर उन्हें 2007 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सन 2009 में भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार श्री लाल सुर्ख शुक्ल के साथ संयुक्त रूप से दिया गया। अमरकांत ने बाल–साहित्य भी लिखा है। इस पुस्तक के लिए उनकी कहानी दोपहर का भोजन ली गई है।

दोपहर का भोजन गरीबी से जूझ रहे एक निम्न मध्यवर्गीय परिवार की कहानी है इस कहानी में समाज में व्याप्त गरीबी को चिन्हित किया गया है। मुंशी जी के पूरे परिवार का संघर्ष भाभी उम्मीदों पर टिका हुआ है। सिद्धेश्वरी गरीबी के एहसास को मुखर नहीं होने देती और उसकी आंख से अपने परिवार को बचाए रखती है। सिर्फ की सादगी और शहद संकेतों के माध्यम से कथा को प्रस्तुत करने की कला का उत्कृष्ट रूप से कहानी में देखने को मिलता है।

I hope it helps you

please mark me as brainlist

Thank you

Similar questions