अमरकंटक प्राकृतिक दृश्य का वर्णन
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समुद्र तल से 1065 मीटर ऊंचे इस स्थान पर ही मध्य भारत के विंध्य और सतपुड़ा की पहाड़ियों का मेल होता है। हिंदुओं के तीर्थस्थल अमरकंटक से पवित्र नर्मदा और सोन नदी की उत्पति होती है। ... प्रकृति की सुंदरता की दृष्टि से अमरकंटक को खास वरदान प्राप्त है
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पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए हमेशा से ही मध्यप्रदेश का अमरकंटक एक पसंदीदा स्थल रहा है। समुद्र तल से 1065 मीटर ऊंचे इस स्थान पर ही मध्य भारत के विंध्य और सतपुड़ा की पहाड़ियों का मेल होता है। हिंदुओं के तीर्थस्थल अमरकंटक से पवित्र नर्मदा और सोन नदी की उत्पति होती है। नर्मदा नदी यहां से पश्चिम की तरफ जबकि सोन नदी पूर्व दिशा में बहती है जिसे देखकर मन प्रसन्न हो उठता है।
प्रकृति की सुंदरता की दृष्टि से अमरकंटक को खास वरदान प्राप्त है। यहां के खूबसूरत झरने, पवित्र तालाब, ऊंची पहाड़ियां और शांत वातावरण सैलानियों को इस कदर मंत्रमुग्धब करते हैं कि वे दोबारा आए बिना रह ही नहीं सकते।
आम्रकूट के नाम से प्रसिद्ध अमरकंटक का बहुत सी परंपराओं और किंइवदंतियों से संबंध रहा है। ऐसी मान्यता है कि अमरकंटक पर्वत का एक भाग है, जो पुराणों में वर्णित सप्तकुलपर्वतों में से एक है। यहां ऐसी अनेक प्राचीन मंदिर और मूर्तियां हैं जिनका संबंध महाभारत से बताया जाता है। कहा जाता है कि भगवान शिव की पुत्री नर्मदा जीवनदायिनी नदी रूप में यहां से बहती हैं। माता नर्मदा को समर्पित यहां अनेक मंदिर बने हुए हैं, जिन्हें दुर्गा की प्रतिमूर्ति माना जाता है।