Hindi, asked by shubhamthakur3000000, 5 hours ago

अमठिल वाक्यांश
जिवा लाशी की मिली है, कि उचित बोलना बहुत कम लोग
जानते हैं प्रायः लोग कड़वी बातो में दूसेर से व्यर्थ
निदा स्तुति में वाणी की सार्थकता समझते है। उन
दिव्य पुरुषों की संख्या अगलियों पर ही गिनीजा
सकती है जिनकी जिदवा अस्तीमयू मधुरतावं
हिम-की-सी शमिलता रहती हास्यू, लोगों की वार्णा
से निराश जीवन को उत्साह मिलता है नरक की यंत्रणा
में टमटाने वाले को धैर्य और आवासन मिलता
व्याकताबूका मरिचय देने से वाणी प्रथम क्योति
अच्य गण तो साथ रहने मट धीर-धूटिटटीते है,
मर वाणी की बारिमा तत्काल प्रकट होती डेलाइटके
दबाटा सूर्वया अमरिचित को भी थोड वालास में टी.
स्लेट ऑट सहान सामी के सूत्र म बाँधा जा सका है।
दिव्य वाणी बोलने वाले के लिए संसार में चाटों
और अमीर-चारीब, मरिरीक
अमृद्दिाकी
बार स्वागत के लिए मुले रखी है। उनकै मान
में लोग मलक माव बिंद्या दलाला सम्मान
छत्र धृष्टी टासाट डोन मर सी शामढ़ डी कार्ड मा
सकताहा
प्रस्तुत गद्यांश में से कोई एक मुहावरा ढूंढ कर उसका अर्थ लिखिए ​

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Answered by shivam2136garg
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Explanation:

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