Hindi, asked by PriyamHalder, 9 months ago

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Answered by Mɪʀᴀᴄʟᴇʀʙ
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अमेजन के जंगलों में लगी आग को लेकर वैश्विक स्तर पर खींचतान की नौबत आ गई है। दुनिया का फेफड़ा कहे जानेवाले इन जंगलों में लगी आग को लेकर देश के दक्षिणपंथी राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो आलोचकों के निशाने पर हैं। दूसरी तरफ राष्ट्रपति बोल्सोनारो का दावा है कि उनकी सरकार को बदनाम करने के लिए एक एनजीओ ने जान-बूझकर आग लगाई है। बोल्सोनारो खास तौर पर पश्चिमी देशों पर निशाना साध रहे हैं और उनका कहना है कि आग को जबरन मुद्दा बनाया जा रहा है ताकि ब्राजील के आर्थिक विकास की गति को बाधित किया जा सके। दुनिया को 20% ऑक्सिजन देनेवाले अमेजन की आग का संकट क्यों वैश्विक चिंता है, यहां समझें...

अमेजन के जंगलों में लगी आग को लेकर वैश्विक स्तर पर खींचतान की नौबत आ गई है। दुनिया का फेफड़ा कहे जानेवाले इन जंगलों में लगी आग को लेकर देश के दक्षिणपंथी राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो आलोचकों के निशाने पर हैं। दूसरी तरफ राष्ट्रपति बोल्सोनारो का दावा है कि उनकी सरकार को बदनाम करने के लिए एक एनजीओ ने जान-बूझकर आग लगाई है। बोल्सोनारो खास तौर पर पश्चिमी देशों पर निशाना साध रहे हैं और उनका कहना है कि आग को जबरन मुद्दा बनाया जा रहा है ताकि ब्राजील के आर्थिक विकास की गति को बाधित किया जा सके। दुनिया को 20% ऑक्सिजन देनेवाले अमेजन की आग का संकट क्यों वैश्विक चिंता है, यहां समझें...िश्व के कुल रेनफॉरेस्ट क्षेत्र का आधे से अधिक हिस्सा अकेले अमेजन के जंगल हैं।

Answered by Anonymous
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अमेजन के जंगलों की आग की तरफ दुनिया का ध्यान तब गया, जब ब्राजील के राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (आईएनईपी) ने जानकारी दी कि देश में जनवरी से अगस्त के बीच जंगलों में 75,336 आग की घटनाएं हुई हैं। अब ये घटनाएं 80,000 से ज्यादा हो चुकी हैं। आईएनईपी ने 2013 से ही उपग्रहों की मदद से जंगलों की आग का अध्ययन करना शुरू किया है। कई तरह के अनुमान हैं। पिछले एक दशक में ऐसी आग नहीं लगी, से लेकर ऐसी आग कभी नहीं लगी तक।

यह आग इतनी जबरदस्त है कि ब्राजील के शहरों में इन दिनों सूर्यास्त समय से कई घंटे पहले होने लगा है। देश में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है। आग बुझाने के लिए सेना बुलाई गई है और वायुसेना के विमान भी आकाश से पानी गिरा रहे हैं। फ्रांस में जी-7 देशों के शिखर सम्मेलन में इस संकट पर खासतौर से विचार किया गया और इसके समाधान के लिए तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने की पेशकश की गई है।

पूरी दुनिया पर खतरा

आग सिर्फ ब्राजील के जंगलों में ही नहीं लगी है, बल्कि वेनेजुएला, बोलीविया, पेरू और पैराग्वे के जंगलों में भी लगी है। वेनेजुएला दूसरे नंबर पर है, जहां आग की 2600 घटनाएं सामने आई हैं, जबकि 1700 घटनाओं के साथ बोलीविया तीसरे नंबर पर है। ब्राजील में आग की घटनाओं का सबसे अधिक प्रभाव उत्तरी इलाकों में पड़ा है। घटनाओं में रोराइमा में 141 प्रतिशत, एक्रे में 138 प्रतिशत, रोंडोनिया में 115 प्रतिशत और अमेजोनास में 81 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जबकि दक्षिण में मोटो ग्रोसो डूो सूल में आग की घटनाएं 114 प्रतिशत बढ़ी हैं।

अमेजोनास ब्राजील का सबसे बड़ा राज्य है, जहां आपात स्थिति की घोषणा कर दी गई है। वनस्पति और जीव जंतुओं की 30 लाख प्रजातियों और 10 लाख मूल निवासियों के आवास वाला अमेजन बेसिन जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है, इसके जंगल हर साल लाखों टन कार्बन उत्सर्जन को सोख लेते हैं। इस भयानक अग्निकांड का वैश्विक जलवायु पर जबरदस्त प्रभाव पड़ेगा। सबसे बड़ी बात यह है कि इससे होने वाले नुकसान की भरपाई भी संभव नहीं होगी।

इनमें 40 हजार से ज्यादा आग की घटनाएं अमेजन के जंगलों में हुई हैं और शेष आसपास के जंगलों में, जिन्हें तकनीकी रूप से अमेजन नहीं कहा जा सकता। आग तो बरसों से लगती आ रही है, पर इस साल इस आग के राजनीतिक निहितार्थ भी हैं। ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो पर आरोप हैं कि उन्होंने अमेजन क्षेत्र के विकास के नाम पर ऐसी नीतियों को अपनाया है, जिनके कारण जंगल उजड़ रहे हैं। शेष विश्व के लिए यह भारी चिंता की बात है, क्योंकि ये जंगल दुनिया के पर्यावरण की रक्षा का काम करते हैं। इन जंगलों में लाखों किस्म की जैव और वनस्पति प्रजातियां हैं। अरबों-खरबों पेड़ यहां खड़े हैं। ये पेड़ दुनिया की कार्बन डाई ऑक्साइड को जज्ब करके ग्लोबल वॉर्मिंग के खतरे को कम करते हैं। दुनिया की 20 फीसदी ऑक्सीजन इन जंगलों से तैयार होती है। इसे पृथ्वी के फेफड़े की संज्ञा दी जाती है।

अब खतरा इस बात का है कि यदि जंगल समाप्त होते गए, तो दुनिया के पर्यावरण और जलवायु पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। ये जंगल वातावरण में आर्द्रता का प्रवाह भी करते हैं, जिसके कारण दक्षिण अमेरिका में वर्षा भी होती है। दुनिया की कुल 10 फीसदी जैव-विविधता वाला क्षेत्र है अमेजन। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यदि यह वन क्षेत्र खत्म हुआ, तो इसका दुनिया पर बुरा असर पड़ेगा।

मनुष्य निर्मित संकट

नासा के अनुसार अमेजन वन की जलवायु जुलाई-अगस्त में उष्ण-आर्द्र बनी रहती है, जबकि सितंबर से लेकर नवंबर मध्य तक यह शुष्क हो जाती है। इस वजह से जुलाई से अक्टूबर के बीच सूखे मौसम में ब्राजील के जंगलों में आग की घटनाएं होना आम बात हैं। यहां प्राकृतिक कारणों से भी आग लगती है, लेकिन साथ ही किसान और लकड़ी काटने वाले भी आग लगाते हैं। अधिकारियों के मुताबिक, जंगल में आग लगने की अधिकांश घटनाओं का कारण खेती और पशुपालन होता है।

ये जंगल एक बार को उजड़ गए, तो इनकी वापसी संभव नहीं होगी। यह चिंता फ्रांस में हुए जी-7 के शिखर सम्मेलन में भी व्यक्त की गई। विडंबना है कि अमेजन की आग दुर्घटनावश नहीं लगी है। यह आग लगाई गई है, ताकि जमीन खाली की जा सके और वहां खेती और अन्य आर्थिक गतिविधियों को चलाया जा सके। लकड़ी और उसके लट्ठों के कारोबार के लिए भी जंगल काटे जाते हैं। यह सब एक सीमा के भीतर हो, तो काम चल जाता है, क्योंकि जंगल लगते भी जाते हैं, पर अब बात काबू के बाहर हो गई है।

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