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TUESDAY, JANUARY 1, 2019
हिंदी-मराठी भाषा के परसर्गीय पदबंध : व्यतिरेकी अध्ययन
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आभ्यंतर (Aabhyantar) SCONLI-12 विशेषांक ISSN : 2348-7771
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28. हिंदी-मराठी भाषा के परसर्गीय पदबंध : व्यतिरेकी अध्ययन
प्रफुल्ल भगवान मेश्राम : पी-एच.डी. भाषाविज्ञान एवं भाषा प्रौद्योगिकी, म.गां.अं.हिं.वि. वर्धा
उपवाक्य से छोटी इकाई पदबंध है जिनसे मिलकर उपवाक्य बनते हैं। पदबंध वाक्य में निर्धारित व्याकरणिक प्रकार्य पूरी करने वाली इकाइयाँ होती है जिनका अस्तित्व केवल वाक्य के अंतर्गत ही संभव होता है। प्रत्येक वाक्य में कर्ता, कर्म, पूरक, अव्यय तथा क्रिया आदि के निर्धारित स्थान होते हैं जहाँ पर संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रियाविशेषण, क्रिया आदि शब्द प्रयुक्त होकर कुछ निश्चित भूमिकाएं निभाते हैं और निर्धारित प्रकार्य संपन्न करते हैं। इन स्थानों को प्रकार्य स्थान कहते हैं और इन प्रकार्य स्थानों पर जो शब्द या शब्द समूह प्रयुक्त होने की क्षमता रखते हैं या प्रयुक्त होते हैं उन्हें पदबंध कहा जाता है।
आतंरिक विन्यास और संरचना की दृष्टि से सूरजभान सिंह ने पदबंधों को दो वर्गों में विभाजित किया है- १. अंतःकेंद्रिक (endocentric) और २. बाह्यकेंद्रिक (exocentric)। हिंदी भाषा में परसर्ग संज्ञा या सर्वनाम के साथ जुड़कर वाक्य में अव्यय पदबंध का निर्माण करता है जो बाह्यकेंद्रिक संरचना है। प्रस्तुत पत्र में हिंदी और मराठी भाषा के परसर्गीय पदबंधों का व्यतिरेकी अध्ययन किया गया है।
शोध पत्र का उद्देश्य
· हिंदी और मराठी भाषा के परसर्गीय पदबंध का विश्लेषण करना।
· दोनों भाषाओं के परसर्गीय पदबंधों में असमानताओं को सामने लाना।
उपयोगिता : हिंदी भाषा के विद्यार्थी जो मराठी को सीखना चाहते हैं एवं जो मराठी भाषी हिंदी सीखना चाहते हैं उनके लिए पदबंध स्तर के ज्ञान के लिए इसकी उपयोगिता होगी।
हिंदी और मराठी दोनों भाषाओं में परसर्ग का प्रयोग होता है। अव्यय पदबंधों के निर्माण में परसर्ग का प्रयोग होता है। हिंदी में परसर्ग संज्ञा और सर्वनाम के साथ जुड़कर अव्यय पदबंधों का निर्माण करते हैं जो हिंदी भाषा में ‘से’, ‘में’, ‘पर’ आदि परसर्ग प्रयुक्त होते हैं जिनके लिए मराठी में विभिन्न प्रयोग दिखाई देते हैं।
हिंदी के ‘से’ परसर्ग का प्रयोग कारकेतर संबंधों के अलावा अपादान, करण, स्थान, स्त्रोत और समय के विस्तार को व्यक्त करने के लिए, कर्म के स्त्रोत के रूप में, अधिकरण, स्थिति परिवर्तन संप्रदान के तौर पर भी होता है। मराठी में इस ‘से’ परसर्ग को व्यक्त करने के लिए ने, नी, आतून, वर, शी, कडून, पासून, हून, पेक्षा, ऊन, ची आदि का प्रयोग होता है।
साधन/करणवाचक ‘से’
संज्ञा के जिस रूप से क्रिया को करने के साधन का बोध हो अर्थात जिसकी सहायता से कार्य संपन्न हो वह करण कारक होता है। हिंदी में इसके लिए विभक्ति-चिह्न ‘से’ के द्वारा है किंतु मराठी में इसके लिए भिन्न प्रयोग मिलते है।
उदाहरण-
हिंदी वाक्य
मराठी वाक्य
(१) पंकज ने राहुल को अपनी आँखों से देखा।
(१) पंकज ने राहुलला आपल्या डोळ्यांनी पाहिले/बाघितले.
(२) दिलीप ने चाकू से आम काटा।
(२) दिलीपने चाकुने आंबा कापला.
(३) वह गाड़ी से आया।
(३) तो गाडीने आला.
(४) सिनेमा देखते समय मेरी आँखों से पानी आता है।
(४) सिनेमा बघताना माझ्या डोळ्यातून पाणी येते.
उपरोक्त उदाहरणों में आँख, चाकू, गाडी आदि साधनवाचक है किंतु चतुर्थ वाक्य में आँखें देखने के साथ-साथ इसमें अलगाव भो हो रहा है। हिंदी के इस ‘से’ (आँखों से) के लिए मराठी में ‘तून’ प्रत्यय का प्रयोग होता है जो ‘आतून’ का संक्षिप्त रूप है। मराठी में ‘आतून’ पंचमी विभक्तिप्रतिरूपक अव्यय है। अपादान, अलगाव के कारण ‘आतून’ अव्यय पद आ रहा है। मराठी में साधनवाचक के लिए ‘ने’ करण कारक तृतीया विभक्ति प्रत्यय प्रयुक्त होता है तो कभी-कभी ‘ने’ की जगह ‘नी’ विभक्ति प्रत्यय का भी प्रयोग होता है जो बहुवचन/अनेकवचन में प्रयुक्त होता है। ‘नी’ अपने पूर्व सामान्य रूप के अंतर्गत आनेवाले अनुस्वार के कारण अनेकवचन दर्शाता है। रिक्शा और डोळा ‘आ’ कारांत पुल्लिंग है जिसका सामान्य रूप ‘या’ कारांत होता है। इन शब्दों में विभक्ति चिह्न जुड़ने से पहले इनके मूल रूप में परिवर्तन हुआ है।
साधनवाचक ‘से’
हिंदी में स्थानवाचक ‘से’ के लिए मराठी में विभिन्न प्रयोग मिलते हैं जैसे- कब से-केव्हापासून, कल से-कालपासून, नीचे से-खालून, कहाँ से-कुठून, भीतर से-आतून, आज से-आजपासून, कल से-उद्यापासून, घर से-घरून, यहाँ से-येथून/इथून, वहाँ से-तेथून/तिथून, खिड़की से-खिडकीतून आदि।
हिंदी
मराठी
(१) पूनम भीतर से आती है।
(१) पूनम आतून येते.
(२) अमोल ने तकिए के निचे से जालीदार पीतल का डिब्बा निकाला।
(२) अमोल ने उशाखालून एक जालीदार डब्बा काढला.
(३) कहाँ से आ रही हो/रहे हो।
(३) कोठून/कुठून येत आहे.
(४) परसों रात सुष्मा घर से भाग गई।
(४) पर्वा रात्रीला सुष्मा घरातून पळून गेली.
(५) उसने खिड़की से देखा/झांका।
(५) तिने खिडकीतून बघितले/पाहले.
(६) मेरा घर यहाँ से दूर है।
(६) माझे घर इथून दूर आहे.