Math, asked by Anonymous, 8 months ago

An Aeroplane is flying at a speed of 720 km/h. (i) How much distance it covers in 40 minutes? (ii) How much far will it fly in 15 seconds?
Explain ? and give answer

Answers

Answered by sdhanush1
2

Answer:

i. 480 Kms

ii. 3 Kms

Step-by-step explanation:

It Covers 720km in 1 Hour, 1 Hour is 60 minutes, so (720/60)*40, so 480 Kms.

In a hour , there is 60 minutes, and 60 seconds in each minute, so number of seconds in a hour is 60*60= 3600,

The plane will fly for (720/3600)*15= 3Kms

Answered by Anonymous
1

बड़े घर की बेटी मुंशी प्रेमचंद जी द्वारा लिखित प्रसिद्ध कहानी है . इस कहानी में उन्होंने संयुक्त परिवार में उत्पन्न होने वाली समस्याओं , कलहों ,बात का बतंगड़ बन जाने और फिर आपसी समझदारी से बिगड़ती परिस्थिति को सामान्य करने का हुनर को दर्शाया है.बड़े घर की बेटी में कहानीकार ने पारिवारिक मनोविज्ञान को बड़ी ही सूक्ष्मता से दिखाया गया .

बेनीमाधव सिंह, गौरीपुर के जमींदार है . उनके बड़े पुत्र ककी पत्नी आनंदी देवर द्वारा खडाऊं मारने पर कोपभवन में चली जाती है और अपने पति से देवर की शिकायत करती है . श्रीकंठ क्रोधित होकर भाई का मुख न देखने की कसम खाते है . परिवार में क्लेश और झगड़ा देखने के लिए कई लोग हुक्का चिलम के बहाने घर में जुट आये. दुखी लालबिहारी घर छोड़ कर जाने लगता है . जाते - जाते भाभी से क्षमा माँग लेता है . आनंदी का क्रिदय पिघल जाता है और अपने देवर लालबिहारी को क्षमा कर देती है . दोनों भाई गले मिलते हैं और सब कुछ पहले की तरह सामान्य व आनंददायक हो जाता है . पहले बेनीमाधव और फिर सारे गाँव के लोग यही कहने लगे - "बड़े घर की बेटियाँ ऐसी होती ही है" .

इस प्रकार लेखक का उदेश्य यथार्थ के साथ एक आदर्श भी स्थापित करना भी है जो की उन्होंने आनंदी के माध्यम से बड़े घर की बेटी में दिखाया है .आनंदी ने आपसी सौहाद्रपूर्ण,धैर्य ,सहनशीलता से रिश्तों को टूटने से बचाया .

बड़े घर की बेटी शीर्षक की सार्थकता

बड़े घर की बेटी कहानी का शीर्षक अत्यंत सार्थक है . कहानी के केंद्र में आनंदी की प्रमुझ भूमिका है .आनंदी भूपसिंह की बेटी है . देखें में सबसे सुन्दर और गुणवान बेटी उसके पिता उसे बहुत प्यार करते है . वह बचपन से ही धन्य -धान्य से परिपूर्ण माहौल में रही है ,लेकिन विवाह के बाद श्रीकांत के घर आने पर वह अलग वातावरण पाती है ,लेकिन उसने बड़ी समझदारी से ससुराल के सभी अभावों से समझौता कर लेती है . कुछ दिनों में उसने स्वयं को इस वातावरण में ऐसे ढाल लिया की जैसे वह बहुत दिनों से यहाँ रहती आ रही हो . आनंदी अपने परिवार को टूटने से रोकती है तथा अपने देवर को क्षमा कर देती है . उसे घर छोड़ कर जाने से रोक लेती है ,उसके सद्व्यवहार के कारण परिवार का वातावरण सामान्य हो जाता है .

अतः कहा जा सकता है आनंदी सही अर्थों में बड़े घर की बेटी है ,जिसने घर -परिवार के साथ आपसी रिश्तों को भी टूटने से बचा लिया . गाँव में जिसने भी सुना वही कहने लगा बड़े घर की बेटियां ऐसी ही होती है .

इसी प्रकार हम कह सकते है की बड़े घर की बेटी कहानी का शीर्षक सार्थक व उचित है .

आनंदी का चरित्र चित्रण

मुंशी प्रेमचंद जी द्वारा लिखित बड़े घर की बेटी प्रसिद्ध कहानी है . आनंदी इस कहानी में मुख्य पात्र बन कर उभरती है . वह एक उच्च तथा समृद्ध परिवार गुणवती व रूपवती कन्या है . उसका विवाह एक सामान्य परिवार के पुरुष श्रीकंठ से हो जाती है .अपनी समझदारी से वह सुख - साधनों को भुलाकर वह परिवार में सामंजस्य बिठा लेती है .

आत्मसम्मान - आनंदी में , आत्मसम्मान तथा स्वाभिमान की भावना है .वह अपने मायके की निंदा सहन नहीं कर पाती है . वह अपने देवर को उत्तर देते हुए कहते है की हाथी मारा तो नौ लाख का .वहां इतना घी नित्य नाई - कहार खा जाते है . एक जिम्मेदार बहु की तरह आनंदी ने अपने घर की कामकाज को भी संभाल लिया . अपने घर के सभी लोगों का वह बहुत ख्याल रखती थी . कलह होने के बाद भी वह अपना घर छोड़ कर नहीं जाना चाहती है .

उदारता - आनंदी उदार एवं बड़े दिल वाली महिला है . आनंदी ने अपने देवर लाल बिहारी की शिकायत तो श्रीकंठ से कर देती है ,लेकिन उसे बाद में पछतावा भी होता है .बात को बिगड़ता देख वह लालबिहारी को क्षमा करते हुए उसे छोड़ कर जाने से भी रोक लेती है और घर का वातावरण सौहार्द्रपूर्ण बनाती है .

इस प्रकार आनंदी बड़े घर की बेटी की तरह हर जगह प्रशंसा की पात्र है .

Similar questions