English, asked by swastika636, 1 year ago

An essay on aazadi ka mahatva in hindi . Word limit = 250

Answers

Answered by anupamahospital51361
1

Answer:

पराधीन व्यक्ति कभी सपने में भी सुख प्राप्त नहीं कर सकता। यदि पराधीनता सबसे बड़ा दुख है तो स्वतंत्रता | सबसे बड़ा सख। हितोपदेश में तो यहाँ तक कहा गया है कि यदि परतंत्र व्यक्ति जीवित है, तो फिर मत कौन है। कहने का भाव यह है कि परतंत्र व्यक्ति मरे हुए व्यक्ति के समान है। स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। मनुष्य को छोड पश भी स्वतंत्र रहना चाहता है। स्वतंत्र देश ही उन्नति के पथ पर अग्रसर होता है, क्योंकि उसे सोचने, बोलने तथा हर प्रकार के कार्य करने की स्वतंत्रता होती है, लेकिन भारत का यह दुर्भाग्य रहा है कि उसने 200 साल तक पराधीनता का दुख भोगा। इसलिए पराधीन देश की औद्योगिक, वैज्ञानिक, वैचारिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रगति रुक गयी। पराधीन व्यक्ति स्वयं निर्णय नहीं ले पाता। उसका सर्वांगीण विकास रुक जाता है। पराधीन व्यक्ति अकर्मण्य हो। जाता है, क्योंकि उसमें आत्मविश्वास खत्म हो जाता है तथा मनुष्य की सृजनात्मक क्षमता भी धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है। वियोगी हरि ने भी पराधीनता को सबसे अधिक दुखमय माना है


swastika636: but its too small i need long
Similar questions