An essay on burai par acchai ki jeet
Answers
एक जंगल में एक भेड़िया रहता था वह बहुत ही धूर्त और चालाक स्वाभाव का था जंगल के सारे जानवर उसके व्यवहार को जानते थे कोई भी जानवर उससे दोस्ती नही करना चाहता था लेकिन जब जंगल में कोई भी नया जानवर रहने आता था तो तो वह दुष्ट भेड़िया अपनी मीठी मीठी बातो से बहका कर दोस्ती कर लेता था बाद में उन जानवरों के बच्चो को अपना भोजन बनाता था,
जिसके कारण सभी जानवर उसके दुष्ट व्यवहार को जान गये थे और कोई भी जब नया जानवर जंगल में आता था तो सभी पहले ही उसके बारे में बता देते थे जिसके कारण अब सभी जानवर उस दुष्ट भेड़िये के चगुल से बच जाते थे
समय बीतता गया अब अब उस भेडियो को भोजन मिलना बंद हो गया जिसके कारण वह दिन प्रतिदिन दुबला होता जा रहा था इसी बीच एक दिन एक हिरन का परिवार अपने छोटे छोटे चार बच्चो के साथ उस जंगल में रहने को आये तो उस चालाक भेड़िये की नजर उस हिरन के बच्चो पर पड़ी तो उसकी आखे चमक गयी और उसे हिरन के बच्चो के रूप में अपना भोजन दिखाई देने लगा
अब उस भेड़िये के एक पेड़ के नीचे अपने आखे बंद कर ध्यान लगा कर बैठ गया और उस हिरन के परिवार का इन्तजार करने लगा जब हिरन अपने बच्चो के साथ उसके पास आते दिखाई दिया तो वह भगवान का नाम जोर जोर से लेने लगा जिसकी आवाज़ सुनकर उस हिरन के सारे बच्चे वही रुक कर देखने लगे तो हिरन ने उस भेड़िये से मदद लेनी चाही,
लेकिन हिरन भेडियो के व्यव्हार को भली बहती जानते थे भेड़िया चाहे कितनी ही भक्ति क्यू न कर ले लेकिन वह जानवरों का शिकार करना नही भूल सकते फिर भी हिरन भी काफी अक्लमंद थे और उन्हें जंगल के जानवर उस भेड़िये के बारे में हिरन को पहले ही बता चुके थे जिसके चलते हिरन का परिवार उस भेड़िये को सबक सिखाना चाहते थे
इसलिए हिरन ने उस धूर्त भेडियो को पुकारा, बार बार पुकारने पर भेड़िये ने अपना ध्यान तोड़कर अपनी आखे खोली तो उसे हिरन का पूरा परिवार अपने आखो के सामने दिखाई दिया तो वह मन ही मन बहुत खुश हुआ क्यूकी उसे तो अब विश्वास हो गया था की उसके भोजन खुद चलकर उसके पास आये है
तब हिरन ने उस भेड़िये से कहा की आप बहुत धार्मिक लगते हो तो भेड़िये ने कहा की अब मेरी उमर हो गयी है इसलिए मै अब भगवान में अपना ध्यान लगाता हु जिससे की जिन्दगी में किये सारे पाप धुल जाए लेकिन आप लोग कौन हो लगता है इस जंगल में नए हो तो तब हिरन ने अपने बारे में बता दिया और बोला की हम यह रहने आये है
और इसके बाद हिरन ने भेड़िये से रहने के लिए अच्छे जगह के बारे में पूछा तो भेड़िये ने तुरंत अपने गुफा के पास ले गया और बोला की आप लोग चाहो तो यह रह सकते हो तो हिरन का परिवार उस गुफा में रहने को राजी हो गये है
इसके बाद तो भेड़िया मौके की तलाश में रहने लगा की कब हिरन अपने बच्चो से दूर हो और फिर वह हिरन के बच्चो को अपना भोजन बनाये, लेकिन हिरन अपने बच्चो को पहले से ही सचेत कर रखा था
एक दिन की बात है दोपहर में हिरन घास चरते चरते बहुत दूर निकल गया तो मौके का फायदा उठाते हुए भेड़िये ने हिरन के बच्चो के उपर हमला कर दिया तो हिरन के बच्चे बड़ी चालाकी से उसके चंगुल से भाग निकले और वे जंगल में भागने लगे तो भेड़िया ने उनका पीछा किया तो वे भागते भागते एक गहरे खायी की तरफ भागे वे इतने तेजी से छलांग मार रहे थे की भेडिये को भागते हुए वह गहरी खायी नही दिखाई दिया और उसी खायी में बहुत तेजी से गिरा
HOPE IT HELPS YOU..?
'बुराई पर अच्छाई की जीत' पर निबंध
Explanation:
अच्छाई और बुराई मनुष्य की दुनिया में काम करने वाली दो ताकतें हैं। विडम्बना यह है कि जहाँ तक मनुष्य की दुनिया का संबंध है, बुरी शक्ति अधिक प्रभावी प्रतीत होती है; परन्तु बुराई का प्रतिफल मृत्यु और विनाश है। दूसरी ओर, अच्छाई खुशी, सद्भाव और समृद्धि लाती है।
बुराई मजबूत लग सकती है लेकिन अंत में अच्छाई की ही जीत होती है। बुराई अंततः फलहीन होती है। हम जो त्यौहार मनाते हैं, जैसे दशहरा, दुर्गा पूजा, होली, आदि हमें बार-बार अच्छाई की परम शक्ति की याद दिलाते हैं। मनुष्य का मन एक ऐसा अखाड़ा है जहाँ हमेशा बुरे और अच्छे विचारों के बीच संघर्ष चलता रहता है। हमें अपने दिलों में अच्छाई का पक्ष लेना चाहिए क्योंकि अंतिम जीत अच्छाई की ही होती है। यह एक उदाहरण है कि बुराई कितनी भी मजबूत क्यों न हो, अंत में जीत अच्छे की ही होती है।
हमें अच्छी ताकतों का अनुसरण करना चाहिए, जो काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है। एक अच्छा बेटा, छात्र, भाई, बहन और नागरिक बनना बहुत मुश्किल है; इसके विपरीत एक बुरा इंसान बनना बहुत आसान है। हालांकि, यह केवल नकारात्मक परिणामों और विनाश की ओर ले जाता है।
Learn more: निबंध-लेखन
brainly.in/question/728779