an essay on mere jeevan ka lakshya ek ias officer banna
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मेरे जीवन का एक ही लक्ष्य है आईएएस ऑफिसर बनना । एक आईएएस ऑफिसर बनना मेरे बचपन का लक्ष्य है । इस लक्ष्य को मैं अपनी मेहनत और लगन से प्राप्त करके ही रहूंगा । दुनिया के हर व्यक्ति का कोई न कोई लक्ष्य अवश्य होता है और वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मेहनत करता है , आगे बढ़ता है । मैंने भी अपने बचपन से ही एक लक्ष्य बनाके रखा है कि मैं आगे चलकर आईएएस ऑफिसर बनूंगा । मैं अपना पूरा ध्यान पढ़ाई में लगाता हूं ।
मैंने 10th क्लास में टॉप किया है । अब मैं आगे की पढ़ाई में अपना ध्यान लगा रहा हूं जिससे कि मैं आईएएस ऑफिसर बन सकूं क्योंकि आईएएस ऑफिसर देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । मैं अपने देश को विकासशील बनाने के लिए और गरीब जनता को न्याय दिलाने के लिए आईएएस ऑफिसर बनना चाहता हूं । मेरे इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मेरा पूरा परिवार मेरे साथ है । मैं सुबह 4:00 बजे उठकर पढ़ाई करने लगता हूं ।
पढ़ाई करने के साथ मैं अपने स्वास्थ्य का भी पूरी तरह से ध्यान रखता हूं । मैं समय पर खेलने के लिए भी जाता हूं क्योंकि खेलने से मेरा मानसिक विकास होगा । मैं हर परीक्षा को मेहनत और लगन से पास करता हूं । मैं कभी भी क्वेश्चन आंसर को रटता नहीं हूं बल्कि उसको समझता हूं । मैं जो भी एक बार पढ़ता हूं उसे समझ कर ध्यान में रखता हूं जिससे कि वह मेरे दिमाग में बस जाए । यही मेरी सबसे बड़ी ताकत है ।मैं पास होने के लिए पढ़ाई नहीं करता बल्कि ज्ञान प्राप्त करने के लिए पढ़ाई करता हूं । मुझे मेरे ऊपर पूरा विश्वास है कि मैं आईएएस ऑफीसर अवश्य बन जाऊंगा । मेरे पड़ोस में एक भाई साहब रहते थे । जब वह पढ़ाई करते थे तब मैं उनको पढ़ाई करते हुए देखता था । वह पूरी मेहनत से पढ़ाई करते थे । एक दिन उन्होंने मुझसे कहा था कि मेरा लक्ष्य एक डॉक्टर बनना है । वह डॉक्टर बनने के लिए पूरी मेहनत किया करते थे और आज वह भाई साहब डॉक्टर बन चुके हैं ।
उन्होंने अपना लक्ष्य प्राप्त कर लिया है । उन्हीं को देख कर मुझे आत्मविश्वास प्राप्त होता है । जब मैं अपने आप को कमजोर महसूस करने लगता हूं तब मैं पड़ोस में रहने वाले भाई साहब के बारे में सोचने लगता हूं जिससे मुझे आत्म बल प्राप्त होता है । मैं नियमित रूप से स्कूल जाता हूं और स्कूल की पढ़ाई करता हूं । स्कूल की पढ़ाई करने के बाद में खेलने के लिए भी जाता हूं । खेलने के बाद में ज्ञान वर्धक पुस्तकें पढ़ता हूं ।
आईएएस बनने के लिए जिन पुस्तकों को पढ़ना पड़ता है मैं खाली समय में उन पुस्तकों का अध्ययन करता हूं क्योंकि जब मैं यूपीएससी का एग्जाम दूंगा तब मुझे इसका फल प्राप्त होगा । मैं आज से ही एक आईएएस ऑफिसर बनने की तैयारी में जुट चुका हूं और मुझे मेरे ऊपर पूरा विश्वास है कि मैं आईएएस ऑफिसर अवश्य बन जाऊंगा । मेरी मां से मुझे बड़ा हौसला प्राप्त होता है क्योंकि मेरी मां मुझसे कहती है कि यदि कोई व्यक्ति किसी लक्ष्य को प्राप्त करने की ठान ले तो वह उस लक्ष्य को अवश्य प्राप्त कर लेता है ।