an essay on mere priya mitra in hindiMere Priya Mitra par nibandh
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मेरा सबसे प्रिय और सच्चा मित्र रवि है. रवि बहुत ही सरल स्वभाव का है रवि हमेशा बड़ों का आदर करता है और उनसे विनम्रता से बात करता है मैंने उसे कभी भी किसी से ऊंची आवाज में बात करते नहीं सुना है. रवि और में एक ही विद्यालय में पढ़ते है और रोज भी पहले जाते हैं सबसे पहले हम विद्यालय में बनी मां सरस्वती के मंदिर में दर्शन करते हैं और फिर गुरुजनों को प्रणाम करते है.
रवि की भाषा शैली बहुत ही कमाल की है वह सभी से इतने अच्छे से बात करता है कि सभी मुझे प्यार करते है. उसकी सोच सबसे अलग है वह सभी की मदद करता है वह कभी किसी से घृणा नहीं करता है जबकि मैं पहले घृणा करता था लेकिन अब रवि के साथ रहने के कारण मेरी आदत भी बदल गई है.
रवि के पिताजी शहर के बड़े अस्पताल में डॉक्टर है वे बहुत ही अच्छे हैं जब भी मैं उनके घर जाता हूं तो वह मुझे बहुत प्यार करते है और कभी-कभी हमें बाजार में घुमाने भी ले जाते है. रवि की माता जी एक अध्यापिका है वह बहुत ही शांत एवं विनम्र महिला है. जब भी मैं रवि के घर जाता हूं तो वह हमेशा मुझे नाश्ता करवाती है और हमारी पढ़ाई लिखाई के बारे में भी पूछती है.
रवि के दादा-दादी भी उनके साथ रहते हैं वह हमेशा हमें शिक्षाप्रद कहानियां सुनाते हैं और हमें बहुत ही स्नेह भी करते है. रवि भी अपने दादा-दादी की बहुत सेवा करता है और उनकी हर एक आज्ञा का पालन करता है. रवि के दादा-दादी बहुत ही अच्छे स्वभाव के है. उनसे मिलकर मुझे ऐसा लगता है कि जैसे मैं अपने दादा-दादी से मिल रहा हूँ.
रवि भी बड़ा होकर अपने पिताजी की तरह ही एक बड़ा डॉक्टर बनना चाहता है. सभी हमेशा मुसीबत में फंसे लोगों की मदद करता है एक दिन की बात है जब हम दोनों साथ में बाजार में जा रहे थे तब एक अंधा व्यक्ति सड़क पार नहीं कर पा रहा था तो उसने उनका हाथ पकड़कर सड़क पार कर आयी यह देख कर मुझे बहुत अच्छा लगा.
रवि के दिल में हमेशा सभी के लिए प्यार रहता है वह हमेशा मेरी मदद करता है पहले मैं पढ़ाई में कमजोर था लेकिन जब से रवि मेरा मित्र बना है तब से मैं भी कक्षा में अव्वल नंबरों से पास होता हूं. विद्यालय में रवि को सब जानते हैं और उसकी प्रतिभा का लोहा भी मानते है.
रवि और मेरा घर एक ही मोहल्ले में है इसलिए हम सुबह जल्दी उठकर बगीचे में घूमने भी जाते हैं और विद्यालय से आने के बाद में हम सभी मित्र मिलकर खो खो भी खेलते है खो खो हमारा पसंदीदा खेल है. रवि हर बार कक्षा में प्रथम आता है रवि पढ़ाई में होशियार होने के साथ-साथ खेलों में भी रुचि रखता है.
रवि का पसंदीदा खेल शतरंज है जब भी शतरंज खेल का आयोजन होता है तो रवि हमेशा उस में हिस्सा लेता है और जीत कर आता है वह हमेशा विद्यालय का नाम रोशन करता है. वह हमेशा साफ सुथरे कपड़े पहनता है और हमने भारत के स्वस्थ अभियान में हिस्सा लेकर हमारे मोहल्ले की सफाई भी की थी इसके लिए हम सभी को मोहल्ले वासियों की तरफ से सम्मानित भी किया गया था.
रवि और मुझे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेना बहुत अच्छा लगता है इसलिए हम हर साल विद्यालय के वार्षिक उत्सव में कविताएं सुनाते है पिछली बार मैंने सूरज पर और रवि ने चांद पर कविता सुनाई थी और लोग कविताएं सुनकर बहुत खुश होते हैं हमारे लिए तालियां बजाते हैं यह देख कर मुझे बहुत ही अच्छा लगता है.
रवि सभी के साथ मिलजुल कर रहता है वह कभी भी किसी को नीचा नहीं दिखाता है और किसी से झूठ भी नहीं बोलता है उसे झूठ बोलने वाले लोगों से सख्त नफरत रहती है. हम दोनों विद्यालय में एक साथ खाना खाते हैं और एक दूसरे के साथ बांटते है. हम दोनों कभी भी कोई बात एक दूसरे से नहीं छुपाते है.
वह सदा आत्मविश्वास से भरा रहता है वह नई शिक्षा ग्रहण करने के लिए बड़ा उत्सुक रहता है उसके मुंह पर एक अलग सा ही तेज है जिसके कारण सभी लोग उसे प्यार करते है. वह हमेशा निस्वार्थ भाव से सभी की सेवा करता है हमारी दोस्ती में भी कभी कोई स्वार्थ नहीं रहा है शायद इसीलिए हम इतने अच्छे दोस्त है.
वह मेरा सच्चा मित्र है क्योंकि उसने विपत्ति में भी मेरा साथ नहीं छोड़ा था एक बार की बात है मैं बहुत बीमार हो गया था जब जैसे ही उसको पता चला वह मेरी सेवा करने के लिए दौड़ा दौड़ा हॉस्पिटल आ गया फोन तो दिन तक लगातार मेरे साथ रहा जब तक कि मुझे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज नहीं कर दिया गया.
रवि को पेंटिंग का बहुत शौख है उसे जैसे ही समय मिलता है वह तरह तरह की पेंटिंग बनाता रहता है एक दिन हम बगीचे में बैठे थे तब उसने बगीचे की हुबहू पेंटिंग बना दी यह सचमुच बहुत ही अच्छी थी उसने वह पेंटिंग मेरे जन्मदिन पर मुझे भेट मैं दी थी.
मैं जब भी मेरे घर पर आता है तो सबसे पहले मेरे माता पिता जी चरण स्पर्श करता है और उनका आशीर्वाद लेता है इससे यह जाहिर होता है कि वह बड़ों का कितना सम्मान और आदर करता है. वह हमेशा मेरे माता पिता जी से उनकी तबीयत के बारे में पूछता हूं यह देख कर कभी-कभी तो मेरी आंखों में आंसू आ जाते है कि कोई इतना अच्छा कैसे हो सकता है.
वह हमेशा ही मेरी प्रेरणा रहा है उसी के कारण आज मेरी आदतों में इतना बड़ा बदलाव आया है वह नहीं होता तो शायद आज मैं इतना अच्छा नहीं हो पाता. वह सही मायनों में मेरा सबसे प्रिय मित्र है. वह अच्छा मित्र होने के साथ-साथ एक अच्छा भाई भी है और अच्छा पुत्र भी है. मुझे गर्व है कि मुझे कभी जैसा प्रिय मित्र मिला.
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'मेरा प्रिय मित्र' सौरभ है। सौरभ एक बहुत अच्छा लड़का है। मेरे स्कूल और मोहल्ले के अनेक मित्र होने के बावजूद, मैं सौरभ को बहुत पसन्द करता हूँ, जिस कारण वह मेरा प्रिय मित्र है। सौरभ अति विनम्र और सरल स्वभाव का है।
सौरभ मेरे साथ मेरे स्कूल मेँ मेरी ही कक्षा मेँ अध्ययन करता है। उसके पिताजी एक वकील हैं। वह स्वयं भी अपने पिता की तरह एक अच्छा वकील बनना चाहता है। सौरभ की माताजी एक ग्रहणी हैं। वे अति मधुर और स्नेहशील महिला हैँ। सौरभ के परिवार मेँ उसके माता-पिता के अतिरिक्त एक छोटी बहिन है, जो बहुत प्यारी एवम नटखट है।
सौरभ एक मेधावी छात्र है। वह हमारी कक्षा मेँ सदैव प्रथम आता है। सौरभ पढ़ाई के साथ-साथ खेलों मेँ भी रुचि रखता है। उसका पसंदीदा खेल शतरंज है। वह हमारे विद्यालय का शतरंज का सर्वोच्च खिलाड़ी है। शतरंज के खेल में सौरभ हमारे विद्यालय का अनेक बार प्रतिनिधित्व कर चुका है और विद्यालय का नाम रोशन कर चुका है।
सौरभ एक सहनशील और आज्ञाकारी लड़का है। वह सदैव सत्य बोलता है एवम झूठ से उसे सख्त नफरत है। इतने गुण होने के बावजूद भी उसे किसी भी प्रकार का घमंड नहीँ है। वह हमारे विद्यालय मेँ बहुत लोकप्रिय है। सही मायने मेँ वह एक आदर्श छात्र, एक आदर्श पुत्र, एक आदर्श भाई एवम एक आदर्श मित्र है। मुझे अपने प्रिय मित्र सौरभ पर गर्व है।
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