an essay on "nari dasha"
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आज भारतीय नारी को सारे अधिकार तो दे दिए गए है जो भारतीय नारी को पुरुषो के बराबर रखते है पर क्या भारतीय नारी को सही रूप में वह अधिकार मिले है जो उसे मिलने चाहिए /
भारतीय नारी बच्चो को पलने का जिम्मा उठती है पर उसी नारी को खाने को दो वक़्त की रोटी नहीं मिल पाती है अगर घर में खाने को दाना पानी कम हो तो यही नारी अपना भोजन त्याग कर अपने बच्चो और पति को पहले देती है फिर चाहे उसे खुद भूखा ही क्यूँ ना रहना पड़े /
पर क्या पुरुष इस बात को समझता है इसका जवाब मुझसे बेहतर वह हर औरत जानती है जो विवाहित है /
किसी किसी प्रांत में तो यह रीत होती है की पहले पति को खाना परोसने के बाद में ही पत्नी खाना खा सकती है क्या यही हमारे यहाँ भारतीय नारी का स्थान है की उसे अपने पति का झूठा बचा हुआ खाने को मिले या कहीं कहीं तो उसे खाने को भी नहीं मिल पाता तभी लिए भारत में सबसे ज्यादा महिलाओ की मृत्यु कुपोषण द्वारा होती है /
महिलाओं को बाहर जा कर काम करने की भी अनुमति नहीं होती कही कही तो उन्हें पढने के लिए भी नहीं भेजा जाता और कुछ परिवार वाले अगर भेज भी देते है तोह घर का एक बड़ा सदस्य उसके साथ जाता है ताकि कही लड़की अपना कौमार्य न नष्ट कर दे लड़कियों को घर से ज्यादा बहार जाने की इजाज़त नहीं होती
अगर हमारी सरकार लड़का लड़की में कोई भेद भाव नहीं करती तो हम क्यूँ अपने अन्दर यह भ्रम रखे हुए है की लड़का जो कर सकता है वोह लड़की कभी नहीं कर सकती हम सब जानते है भारत में बहुत सी ऐसी महिलाये हुई है जिन्होंने भारत के नाम को ऊँचा उठाया है तोह लड़कियों के माँ बाप क्यूँ इस बात को नहीं समझ पाते की जो महिला हमारे देश के नाम को उठा रही है वो कैसे अपने माँ बाप का नाम डूबा सकती है अगर हम देश बदलना चाहते है तो सबसे पहले हमें अपने अन्दर के इस राक्षस का अंत करना होगा जो भारत में महिलाओं को वो स्थान नहीं दे पा रहा है जो हर नागरिक का होता है /
भारत देश को आजादी मिले ६४ वर्ष हो चुके है पर आज भी महिलाओं को अपना स्थान नहीं मिल पा रहा है लगता है जैसे लक्ष्मी बाई ने अपना हक पाने के लिए जंग लड़ी थी वैसे ही अब जब तक हर महिला लक्ष्मी बाई बन कर अपना हक नहीं मांगे गी तब तक उसे उसका हक नहीं मिलेगा /
भारत सरकार महिलाओं को उसका अधिकार दिलाने के लिए बहुत कुछ करती आई है परन्तु हम इंसान ही शायद महिलाओं को उनके अधिकारों का लाभ नहीं लेने देते क्यूँ ?
क्यूँ महिलाओं को शादी के बाद बहार जाकर काम करने की अनुमति नहीं दी जाती?
क्यूँ उसको उच्च शिक्षा से वंचित रखा जाता है?
क्यूँ आज भी उसे भरपेट खाने को नहीं मिलता ?
क्या किसी के पास इन प्रश्नों के उत्तर है तोह इसका जवाब है हां
उस हर इंसान के दिल में इस बात का जवाब है जो औरत को उसके हक देने से रोकता है /
अगर हम सब अपने दिलों में ठान ले की हमें महिलाओं को उनका अधिकार दिलाना है तो हमारा देश पूसरी तरह से समृद्ध देश हो जाएगा
भारतीय नारी बच्चो को पलने का जिम्मा उठती है पर उसी नारी को खाने को दो वक़्त की रोटी नहीं मिल पाती है अगर घर में खाने को दाना पानी कम हो तो यही नारी अपना भोजन त्याग कर अपने बच्चो और पति को पहले देती है फिर चाहे उसे खुद भूखा ही क्यूँ ना रहना पड़े /
पर क्या पुरुष इस बात को समझता है इसका जवाब मुझसे बेहतर वह हर औरत जानती है जो विवाहित है /
किसी किसी प्रांत में तो यह रीत होती है की पहले पति को खाना परोसने के बाद में ही पत्नी खाना खा सकती है क्या यही हमारे यहाँ भारतीय नारी का स्थान है की उसे अपने पति का झूठा बचा हुआ खाने को मिले या कहीं कहीं तो उसे खाने को भी नहीं मिल पाता तभी लिए भारत में सबसे ज्यादा महिलाओ की मृत्यु कुपोषण द्वारा होती है /
महिलाओं को बाहर जा कर काम करने की भी अनुमति नहीं होती कही कही तो उन्हें पढने के लिए भी नहीं भेजा जाता और कुछ परिवार वाले अगर भेज भी देते है तोह घर का एक बड़ा सदस्य उसके साथ जाता है ताकि कही लड़की अपना कौमार्य न नष्ट कर दे लड़कियों को घर से ज्यादा बहार जाने की इजाज़त नहीं होती
अगर हमारी सरकार लड़का लड़की में कोई भेद भाव नहीं करती तो हम क्यूँ अपने अन्दर यह भ्रम रखे हुए है की लड़का जो कर सकता है वोह लड़की कभी नहीं कर सकती हम सब जानते है भारत में बहुत सी ऐसी महिलाये हुई है जिन्होंने भारत के नाम को ऊँचा उठाया है तोह लड़कियों के माँ बाप क्यूँ इस बात को नहीं समझ पाते की जो महिला हमारे देश के नाम को उठा रही है वो कैसे अपने माँ बाप का नाम डूबा सकती है अगर हम देश बदलना चाहते है तो सबसे पहले हमें अपने अन्दर के इस राक्षस का अंत करना होगा जो भारत में महिलाओं को वो स्थान नहीं दे पा रहा है जो हर नागरिक का होता है /
भारत देश को आजादी मिले ६४ वर्ष हो चुके है पर आज भी महिलाओं को अपना स्थान नहीं मिल पा रहा है लगता है जैसे लक्ष्मी बाई ने अपना हक पाने के लिए जंग लड़ी थी वैसे ही अब जब तक हर महिला लक्ष्मी बाई बन कर अपना हक नहीं मांगे गी तब तक उसे उसका हक नहीं मिलेगा /
भारत सरकार महिलाओं को उसका अधिकार दिलाने के लिए बहुत कुछ करती आई है परन्तु हम इंसान ही शायद महिलाओं को उनके अधिकारों का लाभ नहीं लेने देते क्यूँ ?
क्यूँ महिलाओं को शादी के बाद बहार जाकर काम करने की अनुमति नहीं दी जाती?
क्यूँ उसको उच्च शिक्षा से वंचित रखा जाता है?
क्यूँ आज भी उसे भरपेट खाने को नहीं मिलता ?
क्या किसी के पास इन प्रश्नों के उत्तर है तोह इसका जवाब है हां
उस हर इंसान के दिल में इस बात का जवाब है जो औरत को उसके हक देने से रोकता है /
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