Hindi, asked by agggeeta, 1 year ago

An essay on price rise in Hindi

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Answered by rajesh31
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बाजार में तेल के दामों में भारी वृद्धि, अंतरराष्ट्रीय मंदी और बारिश की कमी ने महंगाई को बेकाबू कर दिया है।

खाद्यान्न उत्पादन को सुरक्षित जमा करना अवश्य है जिस से ऊत्पादन कम होने के समय दाम स्थिर रख सखते हैं। लेकिन आलू, गन्ना और गेहूं के लिए कि कोल्ड स्टोरेज, मिलों और सरकार के गोदामों में जगह नहीं बचती।

महंगाई रोकने के लिए व्यापारियों की भंडारण सीमा को कम करना, जमाखोरी रोकने के लिए छापेमारी तेज करना, आयात संबंधी संभावनाओं पर सार्वजनिक रूप से चर्चा करना जरूरी है ताकि लगे कि जल्द ही बाहर से खेप आने वाली है। ये कुछ ऐसे उपाय हैं, जिनसे मंहगाई को बढ़ने से रोका जा सकता है।

डीजल की कीमतों में भी मामूली सी कमी करके महंगाई पर अंकुश लगाया जा सकता है।

आमतौर पर महंगाई की चर्चा वस्तुओं के दामों के संदर्भ में ही होती है। किंतु इधर शिक्षा और इलाज जैसे सेवाओं की महंगाई भी तेजी से बढी है।

कृषि उपजों के ‘वायदा बाजार’ एक तरह का कानूनी सट्टा है और इसमें बडे–बडे सट्टेबाज बिना कुछ किए करोडो का वारा–न्यारा कर लेते है। इस कारण से भी कीमते एकाएक बढ जाती है।

तेज विकास के साथ विकास जनित अनेक चुनौतियां भी देश के सामने खड़ी हो रही हैं। महंगाई, भ्रष्टाचार, प्रदूषण, काला धन और बेतरतीब शहरीकरण ऐसी ही चुनौतियां हैं। यदि हम इन चुनौतियों का सफलता पूर्वक सामना नहीं कर सके, तो समृद्धि हमारे लिए विपत्ति बन सकती है
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