An Hindi essay on fashion ka badhta prabhav
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आज आधुनिकता का बोलबाला है। चारों ओर आधुनिकता के नाम पर जो बदलाव हो रहे हैं, वे काबिले तारीफ हैं। मनुष्य आज सुविधा संपन्न हो गया है। वह जो चाहता है, चुटकी बजाते ही उपस्थित हो जाता है। इसी आधुनिकता की देन है 'फैशन'। 'फैशन' इसके पीछे आज हर वर्ग दीवाना-सा दिखाई देता है। मार्ग मैं चलते हुए आपको नाना-प्रकार के परीधान पहने हुए युवा दिखाई दे जाएँगे। सस्ते से लेकर मंहगे परिधानों की चमक-दमक से प्रभावित युवा स्वयं को संवारने में विशेष रूचि रखते हैं। परन्तु इस होड़ में मात्र युवा सम्मिल्लित है, तो यह कहना गलत होगा। आज अमीर-गरीब, बुढ़ा-बच्चा, गृहिणी इत्यादि सभी इसकी गिरफ़्त में जकड़े हुए हैं। फैशन के बदलते स्वरूप के अनुसार परिधानों का स्वरूप बदलता है, यहाँ तक की चश्में, जूते, गहने, सौंदर्य प्रसाधनों में तक इसके बदलते स्वरूप को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। किसी समय में परिधान और अन्य वस्तुएँ मात्र शरीर को ढकने या सजाने का कार्य करती थी।उनकी आवश्यकता समय के अनुसार थी। विवाह, त्योहार आदि अवसरों पर लोग स्वयं को थोड़ा सा विशेष बनाने का प्रयास करते थे। परन्तु आज के दौर में लोग आम जीवन में भी स्वयं को अलग दिखाना चाहते हैं। वे स्वयं को फैशनेबल दिखाना चाहते हैं। परिधानों, जूतों तथा अन्य सामग्री को खरीदने के लिए उन्हें पैसा खर्च भी करना पड़े, तो वह घबराते नहीं है। फैशन ने लोगों के जीवन में अद्भुत परिवर्तन किया है।
आशा करती हूँ आपको अपने प्रशन का उत्तर मिल गया होगा
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