An inspiring song on smt. Pratibha devi singh patil please give me answer tomorrow will be my speech competition and my topic is smt. Pratibha devi singh patil ,so please give me song and also i will mark you as a Brainliest
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I need song in Hindi
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नारी और वृक्ष एक से होते है,
खुश हों तो दोनो फूलो से सजते हैं.!
दोनो ही बढते और छंटते हैं,
इनकी छाँव मे कितने लोग पलते हैं.!
देना देना ही इनकी नियति है,
औरों की झोली भरना दोनो की प्रकृति है.!
धूप और वर्षा सहने की पेङ की शक्ति है,
दु:ख पाकर भी सह लेना नारी ही कर सकती है.!
नारी और पेङ मे एक अबूझ रिश्ता है,
जो दोस्ती से मिलता जुलता है.!
पेङ चाहता है कुछ पानी कुछ खाद,
नारी चाहती है सिर्फ प्यार और सम्मान.!
खुश हों तो दोनो फूलो से सजते हैं.!
दोनो ही बढते और छंटते हैं,
इनकी छाँव मे कितने लोग पलते हैं.!
देना देना ही इनकी नियति है,
औरों की झोली भरना दोनो की प्रकृति है.!
धूप और वर्षा सहने की पेङ की शक्ति है,
दु:ख पाकर भी सह लेना नारी ही कर सकती है.!
नारी और पेङ मे एक अबूझ रिश्ता है,
जो दोस्ती से मिलता जुलता है.!
पेङ चाहता है कुछ पानी कुछ खाद,
नारी चाहती है सिर्फ प्यार और सम्मान.!
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नारी और वृक्ष एक से होते है,
खुश हों तो दोनो फूलो से सजते हैं.!
दोनो ही बढते और छंटते हैं,
इनकी छाँव मे कितने लोग पलते हैं.!
देना देना ही इनकी नियति है,
औरों की झोली भरना दोनो की प्रकृति है.!
धूप और वर्षा सहने की पेङ की शक्ति है,
दु:ख पाकर भी सह लेना नारी ही कर सकती है.!
नारी और पेङ मे एक अबूझ रिश्ता है,
जो दोस्ती से मिलता जुलता है.!
पेङ चाहता है कुछ पानी कुछ खाद,
नारी चाहती है सिर्फ प्यार और सम्मान.
खुश हों तो दोनो फूलो से सजते हैं.!
दोनो ही बढते और छंटते हैं,
इनकी छाँव मे कितने लोग पलते हैं.!
देना देना ही इनकी नियति है,
औरों की झोली भरना दोनो की प्रकृति है.!
धूप और वर्षा सहने की पेङ की शक्ति है,
दु:ख पाकर भी सह लेना नारी ही कर सकती है.!
नारी और पेङ मे एक अबूझ रिश्ता है,
जो दोस्ती से मिलता जुलता है.!
पेङ चाहता है कुछ पानी कुछ खाद,
नारी चाहती है सिर्फ प्यार और सम्मान.
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