Hindi, asked by varshi7, 1 year ago

an poem on nature in hindi

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Answered by RUTVI1
1
प्राकृतिक संसाधन वो प्राकृतिक पदार्थ हैं जो अपने अपक्षक्रित (?) मूल प्राकृतिक रूप में मूल्यवान माने जाते हैं। एक प्राकृतिक संसाधन का मूल्य इस बात पर निर्भर करता है की कितना पदार्थ उपलब्ध है और उसकी माँग (demand) कितनी है। 
Answered by PK78000
5
                       प्रकृति

प्रकृति सुन्दर रूप इस धरा का,
आँचल जिसका नीला आकाश,
पर्वत जिसका ऊँचा मस्तक,
उस पर चाँद सूरज की बिंदियों का ताज
नदियों-झरनो से छलकता यौवन
सतरंगी पुष्प-लताओं ने किया श्रृंगार
खेत-खलिहानों में लहलाती फसले
बिखराती मंद-मंद मुस्कान
हाँ, यही तो हैं,……
इस प्रकृति का स्वछंद स्वरुप
प्रफुल्लित जीवन का निष्छल सार II



     यह प्रकृति कुछ कहना चाहती है
विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष 

यह प्रकृति कुछ कहना चाहती है..... 
यह प्रकृति कुछ कहना चाहती है ,
अपने दिल का भेद खोलना चाहती है ,
भेजती रही है हवाओं द्वारा अपना संदेशा।
ज़रा सुनो तो ! जो वह कहना चाहती है। 
उसका अरमान ,उसकी चाहत है क्या ?
सिवा आदर के वो कुछ चाहती है क्या ?
बस थोड़ा सा प्यार ,थोड़ा सा ख्याल ,
यही तो मात्र मांग है इसकी ,
और भला वह हमसे मांगती है क्या ? 
यह चंचल नदियां इसका लहराता आँचल ,
है काले केश यह काली घटाओं सा बादल ,
हरे -भरे वृक्ष ,पेड़ -पौधे और वनस्पतियां ,
हरियाली सी साड़ी में लगती है क्या कमाल।
इसका रूप -श्रृंगार हमारी खुशहाली नहीं है क्या? … 
है ताज इसका यह हिमालय पर्वत ,
उसकी शक्ति-हिम्मत शेष सभी पर्वत ,
अक्षुण रहे यह तठस्थता व् मजबूती ,
क्योंकि इसका गर्व है यह सभी पर्वत।
इसका यह गौरव हमारी सुरक्षा नहीं है क्या ?.....
यह रंगीन बदलते हुए मौसम ,
शीत ,वसंत ,ग्रीष्म औ सावन ,
हमारे जीवन सा परिवर्तन शील यह ,
और सुख-दुःख जैसे रात- दिन।
जिनसे मिलता है नित कोई पैगाम नया , क्या ?....
इस प्रकृति पर ही यदि निर्भरता है हमारी ,
सच मानो तो यही माता भी है हमारी ,
हमारे अस्तित्व की परिभाषा अपूर्ण है इसके बिना ,
यही जीवनदायिनी व यही मुक्तिदायिनी है हमारी।
अपने ही मूल से नहीं हो रहे हम अनजान क्या ?…
हमें समझाना ही होगा ,अब तक जो ना समझ पाये ,
हमारी माता की भाषा/अभिलाषा को क्यों न समझ पाये ,
दिया ही दिया उसने अब तक अपना सर्वस्व ,कभी लिया नहीं ,
इसके एहसानों , उपकारों का मोल क्यों ना चूका पाये।
आधुनिकता/ उद्योगीकरण ने हमें कृतघ्न नहीं बना दिया क्या ?…





PK78000: Thank u!
varshi7: no no i should say thanks to you
varshi7: it was very helpful to me
varshi7: first stanza is very beautiful
fluffy: awesome poem dear helped me a lot............! the first stanza is really magical...... (:
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