Social Sciences, asked by drajiten57, 16 days ago

अनुबंधित मजदूर कौन है उन्होंने किस प्रकार अपनी पहचान बनाई​

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Answered by bhatiamona
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अनुबंधित मजदूर यानी बंधुआ मजदूर उन मजदूरों को कहा जाता था, जो किसी महाजन, साहूकार, जमींदार या किसी प्रभावशाली व्यक्ति से लिए गए ऋण को समय पर नही चुका पाते थे। उन्हे उस ऋण के बदले में उस व्यक्ति के लिए के लिए अवैतनिक श्रम का कार्य करना पड़ता था या अपनी सेवाएं प्रदान करनी पड़ती थीं। ऐसे व्यक्तियों को अनुबंधित मजदूर या बंधुआ मजदूर कहा जाता था।

यह व्यवस्था आजादी के पहले के भारत में पीढ़ी दर पीढ़ी चली चली आ रही थी। यह एक प्रकार की अमानवीय प्रथा थी, जिसका लाभ समाज के प्रभावशाली वर्ग के शोषणकारी जमींदार, साहूकार आदि उठाते थे और व्यक्ति से अवैतनिक श्रम का लाभ उठाते थे।

अनुबंधित मजदूरों के रूप में धीरे-धीरे इस प्रथा में बदलाव आया है और अनुबंधित मजदूर यानि बंधुआ मजदूर प्रथा खत्म हो रही है। सरकार द्वारा किए जाने वाले अथक प्रयासों से बंधुआ मजदूर तथा लगभग समाप्त हो चुकी है और अब कोई किसी को भी अनुबंधित मजदूर के रूप में कार्य नहीं करा सकता। यहां पर अनुबंधित मजदूर से तात्पर्य बिना वेतन के  किसी से कार्य कराने से है।

Answered by Aʙʜɪɪ69
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Explanation:

अनुबंधित मजदूर से संबंधित जानकारी निम्नलिखित है। वे मजदूर जो किसी जमींदार, महाजन, साहुकार अथवा किसी प्रभावशाली व्यक्ति से लिया गया ऋण समय पर नहीं चुका पाते थे व उन्हें उस ऋण के बदले उस व्यक्ति या साहुकार के लिए बिना वेतन काम या मजदूरी करनी पड़ती थी अथवा सेवाएं प्रदान करनी पड़ती थी।

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