अनुभाव के भेद लिखिए ।
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अनुभाव दो प्रकार के होते हैं :-
(अ) साधारण अनुभाव :- कोई भी भाव उत्पन्न होने पर जब आश्रय (जिसके मन में भाव उत्पन्न हुआ है) जान- बूझ कर यत्नपूर्वक कोई चेष्टा , अभिनय अथवा क्रिया करता है,तब ऐसे अनुभाव को साधारण या यत्नज अनुभाव कहते हैं।
जैसे :- बहुत प्रेम उमड़ने पर गले लगाना
क्रोध आने पर धक्का देना आदि साधारण या यत्नज अनुभाव हैं।
(आ) - सात्विक अनुभाव :- कोई भी भाव उत्पन्न होने पर जब आश्रय (जिसके मन में भाव उत्पन्न हुआ है) द्वारा अनजाने में अनायास, बिना कोई यत्न किए स्वाभाविक रूप से कोई चेष्टा अथवा क्रिया होती है,तब ऐसे अनुभाव को सात्विक या अयत्नज अनुभाव कहते हैं।
जैसे - डर से जड़वत् हो जाना , पसीने पसीने होना , काँपना
चीख पड़ना , हकलाना और रोना आदि सात्विक या अयत्नज अनुभाव हैं।
(अ) साधारण अनुभाव :- कोई भी भाव उत्पन्न होने पर जब आश्रय (जिसके मन में भाव उत्पन्न हुआ है) जान- बूझ कर यत्नपूर्वक कोई चेष्टा , अभिनय अथवा क्रिया करता है,तब ऐसे अनुभाव को साधारण या यत्नज अनुभाव कहते हैं।
जैसे :- बहुत प्रेम उमड़ने पर गले लगाना
क्रोध आने पर धक्का देना आदि साधारण या यत्नज अनुभाव हैं।
(आ) - सात्विक अनुभाव :- कोई भी भाव उत्पन्न होने पर जब आश्रय (जिसके मन में भाव उत्पन्न हुआ है) द्वारा अनजाने में अनायास, बिना कोई यत्न किए स्वाभाविक रूप से कोई चेष्टा अथवा क्रिया होती है,तब ऐसे अनुभाव को सात्विक या अयत्नज अनुभाव कहते हैं।
जैसे - डर से जड़वत् हो जाना , पसीने पसीने होना , काँपना
चीख पड़ना , हकलाना और रोना आदि सात्विक या अयत्नज अनुभाव हैं।
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Anubhav k chaar bhed h:-
1:- सात्विक
2:- कायिक
3:- वाचिक
4:- आहार्य
Hope it helps
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2:- कायिक
3:- वाचिक
4:- आहार्य
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