अनुभाव कितने प्रकार के होते हैं
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अनुभाव कितने प्रकार के होते हैं
अनुभाव : मनोगत भावों को व्यक्त करने वाले शारीरिक और मानसिक चेष्टायें अनुभाव कहलाती हैं। अनुभाव का शाब्दिक अर्थ होता है भावों का अनुगमन करने वाला।
अनुभाव के चार भेद होते हैं...
- कायिक अनुभाव
- मानसिक अनुभाव
- आहार्य अनुभाव
- सात्विक अनुभाव
व्याख्या :
कायिक अनुभाव : कायिक अनुभाव के आश्रय द्वारा की जाने वाली अलग-अलग शारीरिक चेष्टाओं को कायिक अनुभाव कहते हैं।
जैसे अपने हाथ-पांव चलाना, अपने भौहें टेढ़ी करना, अपने हाथों से इशारे करना, हाथ-पैर हिलाना।
मानसिक अनुभाव : अपने मन की आंतरिक वृत्ति से उत्पन्न होने वाले भावो को मानसिक अनुभाव कहा जाता है।
जैसे हर्ष, उल्लास, हँसी मजाक, दुख, चिंता आदि।
आहार्य अनुभाव : अपने मन में उत्पन्न होने वाले भावो के अनुकूल अपनी इच्छा से धारण करने वाली वेशभूषा आहार्य अनुभाव कहलाती है।
जैसे अपना बनाव श्रंगार करना, पसंद के कपड़े पहनना।
सात्विक अनुभाव : स्वतः यानि अपने आप उत्पन्न होने वाली चेष्टाएं सात्विक अनुभाव कहलाते हैं। ये लगभग आठ होते हैं।
जैसे आँसू आना, चेहरे का रंग उड़ जाना, कंपकपाना, पसीना आना, रोंगटे खड़ा हो जाना, ठीक से आवाज नहीं निकलना, बेहोशी छाना, स्तंभित हो जाना।