Hindi, asked by shSaddam7236, 7 months ago

अनुच्छे द हलखिए (150-200 शब्द)-
[क] राष्ट्रपिता माहात्मागााँधी
[ख] देश की स्वच्छता मेंहमारा योगदान
[ग] कोपिद-19 माहामारी और सुरक्षा
translation to English:-
paragraph writing(150-200 words) -
[A] Father of the Nation Mahatma Gandhi
[B] our contribution to the cleanliness of the country
[C] Covid-19 pandemics and security

Answers

Answered by alokadarsh93086
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Explanation:

महात्मा गाँधी महात्मा गाँधी एक बहुत बड़े नेता थे । उन्होंने संसार को एक नयी दिशा दी । उनका जन्म गुजरात में हुआ था । उनके माता - पिता धार्मिक प्रवृत्ति के थे । वे बराबर झूठ से घृणा करते थे । राजा हरिश्चन्द्र उनके लिए एक आदर्श राजा थे । श्रवण कुमार उनके लिए एक आदर्श पुत्र थे । गाँधीजी हरिश्चन्द्र और श्रवण जैसा होना चाहते थे । बी . ए . की परीक्षा पास करने के बाद वे इंग्लैण्ड कानून की डिग्री के लिए गये । उन्होंने वहाँ आनन्द अनुभव नहीं किया । उन्होंने रस्किन , टॉलस्टाय और गीता के उपदेशों का मंथन किया जिससे उनके मस्तिष्क में परिर्वतन आया । वे आधुनिक सभ्यता से घृणा करने लगे और उन्होंने सत्य का व्रत लिया । बैरिस्टर होकर वे भारत लौटे । वे बैरिस्टर का कार्य करने लगे । परन्तु उन्होंने सोचा कि वकीलों का धंधा झूठों का धंधा है । वे अफ्रीका गये । उन्होंने वहाँ भारतवासियों के अधिकार के लिए सत्याग्रह शुरू किया । वे वहाँ बहुत सताये गये । वहाँ वे पीटे भी गये । परन्तु उन्होंने साहस नहीं छोड़ा । वे 1914 में सत्याग्रह रूपी हथियार के साथ भारत आए । वे ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विभिन्न उत्थान - पतन के साथ लड़ाई लड़े । 1942 में उन्होंने ' भारत छोड़ो ' का नारा बुलन्द किया । पूरा विश्व उनके हथियार की शक्ति से अवगत हुआ । अंग्रेजों ने सम्मानपूर्वक 1947 में भारत छोड़ दिया । गाँधीजी का मिशन ( अभियान ) पूरा हुआ और 30 जनवरी , 1948 को सदा के लिए यह दुनिया छोड़ गए । उन्हें नाथूराम गोड्से नामक व्यक्ति ने गोली मार दी । गाँधीजी ईश्वर पर विश्वास करते थे । उन्हें विश्वास था कि सत्य की विजय होती है । उन्हें शारीरिक बल पर विश्वास नहीं था । वे रामराज्य स्थापित करना चाहते थे , जहाँ कोई दरिद्र नहीं हो और सभी खुशहाल रहें । उन्होंने रामराज्य को हिंसा के सहारे नहीं लाना चाहा , बल्कि मनुष्यों के हृदय में परिवर्तन लाकर यह कार्य करना चाहा । वे सन्यासी की तरह एक झोपड़ी में रहते थे । हिन्दू और मुसलमान दोनों के प्रति उनका समभाव था । वे हरिजनों को बहुत प्यार करते थे । वे दूसरों के लिए जिये और दूसरों के लिए मरे ।

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