Hindi, asked by piyush4917, 6 months ago

अनुच्छेद लिखिए

राष्ट्र के प्रति विद्यार्थियों के कर्तव्य

संकेत बिंदु

:सुरक्षित राष्ट्र की कामना

: विद्यार्थी का कर्तव्य

: कर्तव्य निष्ठा

: संकटों में सहायक : राष्ट्र प्रेमी विद्यार्थी

Answers

Answered by Tharunananth13
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Answer:

राष्ट्र के प्रति विद्यार्थियों के कर्तव्य

विद्यार्थी जीवन मनुष्य के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है इस समय में बने संस्कार, सीखी हुई कलाएँ हमारा भविष्य निर्धारित करती हैं । इसलिए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि मनुष्य अपने विद्यार्थी जीवन से ही देश के प्रति अपने कर्तव्यों को समझे। इससे वह अपने जीवन को इस प्रकार ढाल सकेगा कि राष्ट्र के प्रति उसके जो कर्तव्य है वो उन्हें पूरा करने के लिए सक्षम बने ।

एक विद्यार्थी के रूप में मनुष्य का देश के प्रति पहला कर्तव्य यह होता है कि वह अपनी शिक्षा उचित रूप से पूर्ण करे । शिक्षा मनुष्य की योग्यता बढ़ाती है। उसे सामर्थ्यवान बनाती है, उसके विवेक का विकास करती है । कर्तव्यों का ज्ञान दिलाती है। एक उचित शिक्षा पाया हुआ व्यक्ति अपने परिवार, समाज तथा देश की सही तरीके से सेवा कर सकता है। इसलिए शिक्षा प्राप्त करना किसी भी विद्यार्थी का पहला कर्तव्य है।

उचित शिक्षा के अलावा विद्यार्थी का दूसरा कर्तव्य है कि वह अपने स्वास्थ्य पर सही ध्यान दे । कहा जाता है स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है। एक शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति ही देश की सही तरीके से सेवा कर सकता है। शिक्षा तथा स्वास्थ्य के बाद देश के प्रति विद्यार्थी का जो दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य है देश के शक्तिबोध तथा सौंदर्यबोध को बढ़ाना । विद्यार्थी जहाँ भी जाए, उन्हें हमारे देश के गौरवशाली अतीत का पूरा स्मरण होना चाहिए। एक विद्यार्थी को किसी भी परिस्थिति में अपने देश की बुराई नहीं करनी चाहिए, देश की कमियाँ नहीं निकालनी चाहिए। उसे हमेशा देश के सामर्थ्य, देश की असीम क्षमता का गुणगान करना चाहिए । विद्यार्थी कहाँ भी जाए, देश के लिए सकारात्मक महाल का निर्माण करे। इससे देश का शक्तिबोध बढ़ता है इसके अलावा विद्यार्थी को देश का सौन्दर्यबोध बढाने में भी योगदान देना चाहिए। उसे कहीं भी गँदगी नहीं फैलानी चाहिए व दूसरों को भी गँदगी फैलाने से रोकना चाहिए। अपने व्यवहार से वो देश में स्वछता के प्रति जागरूकता ला सकता है। एक विद्यार्थी को अपने व्यवहार में सज्जनता रखनी चाहिए। उसे यहाँ कि बातें वहाँ नहीं करनी चाहिए। खुद में किया हुआ यह परिवर्तन देश के सौन्दर्यबोध को दृढ़ करता है।इस तरह खुद के व्यवहार में परिवर्तन कर विद्यार्थी देश में कई सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। विद्यार्थिओं को अपने सामजिक परिवेश तथा देश के सामने जो महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं, उनके बारे में भी जानकारी रखनी चाहिए । विद्यार्थी देश में साक्षरता के प्रसार, अंधविश्वास के निर्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्हें अपने दिनचर्या का एक निश्चित समय देश व समाज की सेवा के लिए निर्धारित करना चाहिए। वो अपना लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं कि किसी विशिष्ट सामाजिक समस्या को दूर करने के लिए वह नियमित प्रयास करेंगे। उनका प्रयास भले छोटा हो पर एक लम्बे समय में वह अवश्य देश व समाज को लाभान्वित करेगा। इस प्रकार उचित शिक्षा प्राप्त करना, स्वयं को स्वस्थ रखना, सामाजिक बुराइयों को दूर करना, देश में सकारात्मक माहौल निर्माण करना व देश के सौन्दर्यबोध को बढ़ा विद्यार्थी का मुख्य कर्तव्य है।

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