Hindi, asked by singhkshitiz147, 6 months ago

अनुच्छेद लेखन -
1 विदेशी छोडो स्वदेशी अपनाओ
2 आपातकालीन स्थिति में जागरूक नागरिक की भूमिका
3 त्योहारों का स्वरूप बदलना चाहिए 4सफलता का मूल मंत्र अनुशासन और अभ्यास
5नारी का सम्मान हमारा अभिमान
6 डिजिटल भारत आत्मनिर्भर भारत please answer me tomorrow is my exam ​

Answers

Answered by pratibhaparmar1216
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Answer:

भारत का निवासी होने के नाते हम लोगों ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया था। विदेशी वस्त्रों और उत्पादों का बहिष्कार करने का एक प्रमुख कारण देश के घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना और देश की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करना था। विदेशी वस्त्रों और उत्पादों का भारत के विभिन्न राजनेताओं ने समय-समय पर विरोध किया है ।

भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय महात्मा गांधी जी ने भी एक नारा जोरों से दिया विदेशी भगाओ स्वदेशी अपनाओ। इस नारे का अर्थ यह था कि विदेश में बन रहे उत्पादों का प्रयोग कम कर देश के घरेलू उद्योगों में बने पदार्थों का अधिक उपयोग कर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाओ।

आधुनिक युग में हम सभी लोग समाज में अपने महत्व को सताने के लिए एक से एक महंगे वस्त्र पहनते हैं जिनमें से लगभग 80% वस्त्र विदेशी होते हैं। लेकिन इन वस्त्रों के अधिक उपयोग से हम अपने देशी भाइयों के रोजगार को छीन रहे हैं और अपनी अर्थव्यवस्था को कमजोर करने में योगदान दे रहे हैं।

हम लोगों को विदेशी उत्पादों का बहिष्कार कर देसी वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए क्योंकि इससे ना केवल हमारे देसी भाइयों का कारोबार बढ़ेगा बल्कि इससे हमारे देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। विदेशी भगाओ स्वदेशी अपनाओ भारत वे बने उत्पादों का प्रसार होगा जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और हमारा देश विकास की ओर अग्रसर होगा।

दुनिया में सबसे बड़ी फ़ौज सोवियत संघ के पास थी ,जिसका खर्चा वह भारत जैसे देशो को मनमाने दाम पर हथियार बेच कर उठाता था ,परन्तु जब अमेरिका और फ़्रांस उससे बहुत कम कीमत में उनसे अच्छा हथियार बेचने लगे तो सोवियत का बाजार टूट गया और ९० के दसक आते आते वह अपने सेना का खर्च उठाने में असमर्थ हो गया .

परिणाम स्वरुप उसे अपने आधीन राष्ट्रों को आजादी देनी पड़ी इस प्रकार सोवियत संघ का पतन हो गया .चीन के पास भी बहुत बड़ी सेना है, और उसे भी अपने सैनिको का खर्च उठाने के लिए अपना सामान अन्य देशो के बाजार में भेजना पड़ रहा है और यहाँ तक उसे अपने कैदियों के अंगो को भी बेच कर पैसा कमाना पड़ रहा है .

लगभग रोज चीन भारतीय सीमा में घुस आता है, परन्तु वह बियात्नाम युद्ध के बाद इस स्थिति में नहीं है की कोई बड़ी लड़ाई लड़ सके, यदि चीन को बिना एक गोलीचलाये सबक सिखाना है तो सबसे अच्छा तरीका यही है की हर भारतीय चीनी सामानों का बहिस्कार करे, क्योकि दुनिया का सबसे बड़ा बाजार भारत है ,कोई भी देश से यदि इतना बड़ा बाजार छीन जाये तो उसका आधा पतन ऐसे ही हो जाएगा.मै हर भारतीय से अनुरोध करता हु की वह चीनी सामान लेना बंद कर दे…!

Explanation:

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