Hindi, asked by anand4159, 2 months ago

अनुच्छेद लेखन-
बदलती जीवन शैली

*संकेत बिंदु*
बदलती जीवन शैली से आशय
बदलाव कैसा?
परिणाम​

Answers

Answered by mehakShrgll
2

स्थानीय जिला अस्पताल में इस समय हाइपरटेंशन के लगभग ढाई सौ मरीज अपना उपचार कराने प्रतिदिन पहुंच रहे हैं। वहीं शहर के बादशाह खान अस्पताल में आने वाले उच्च रक्तचाप के मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र यादव ने बताया कि बदलती जीवन शैली, तनाव, मोटापा तथा शारीरिक निष्क्रियता इसके प्रमुख कारणों में से हैं। लोगों में जंक फूड का क्रेज बढ़ता जा रहा है। इस कारण मोटे बच्चों के बड़े होने पर उनमें हाइपरटेंशन की आशंका बढ़ जाती है। यदि समय पर उपचार न किया जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। उच्च रक्तचाप के कारण हृदय रोग, गुर्दे का फेल होना व लकवे के मामले बढ़ रहे हैं। कई बार लोगों को इस बात का पता ही नहीं चलता कि वे उच्च रक्तचाप से ग्रस्त है।

Answered by gs7729590
6

Answer:

Your Ans.

हम अपना जीवन जी रहे हें या काट रहे हें, यह जानना हमारे लिए बहुत जरूरी  है | जीवन काटने का अर्थ यह है कि हम पूर्णत: अबोधी जीवन जी रहे है जिसकी परिणति हमारा सम्पूर्ण विनाश है | इसके ठीक विपरीत ‘बोधी-जीवन’ रक्षा, सुख-समृद्धी,  शांति और विकास लाता है | ‘मनुष्य-जीवन’ प्रकृति का दुर्लभ, अति सुन्दर तथा सर्वश्रेष्ठ उपहार है | आत: इसे सत्यम , शिवम् ,सुद्ररम के आधार पर जीने क प्रयास करना चाहिये | हमारी आधुनिक जीवन-शैली, कैसी हों गयी है इसके कुछ विवरण से हम सब को यह जानकारी मिलती है कि -

“हमने  ऊंचे-ऊंचे भवन बना लिए, लेकिन हमें छोटी सी बात पर गुस्सा आ जाता है | हमने आने-जाने के लिए खूब चौड़े मार्ग तो बना लिए लेकिन हम संकुचित विचारों से बुरी तरह ग्रस्त हैं | हम अनावश्यक खर्च करते हैं और बदले में काम बहुत कम होता है | हम खरीदते बहुत अधिक हैं किन्तु आनंद कम उठा पाते हैं | हमारे घर बहुत बड़े बड़े हैं किन्तु उन मे रहने वाले परिवार छोटे हैं | हमारे पास सुविधाएं बहुत हैं किन्तु समय कम| हमारे पास डिग्रियां बहुत हैं लेकिन “कार्य-बोध” बहुत कम| हमारे पास ज्ञान बहुत है लेकिन ठीक निर्णय लेने की क्षमता कम है| हम बहुत निपुण हैं लेकिन समस्याओं में उलझे रहते हैं | हमारे पास दवाईयां अधिक हैं किन्तु स्वास्थ्य कम है |

हम अधिक खाते-पीते हैं किन्तु हँसते कम हैं | तेज़ गाड़ी चलाते हैं और जल्दी नाराज़ हों जाते हैं | रात देर तक जागते हैं और सुबह थकान के साथ उठते हैं| कम पढ़ते हैं और अधिक टी.वी. देखते हैं | हम प्रार्थना कम करते हैं और दूसरों से घृणा और नफ़रत अधिक | हमने रहने का तरीका सीख लिया है किन्तु हमें जीना नहीं आया | हम चाँद पर जा कर लौट आये लेकिन पड़ोसी से नहीं मिलते | हमने बाहरी क्षेत्र जीत लिये  किन्तु भीतर से टूटे और हारे हुए हैं | हमने बड़े बड़े काम किये किन्तु बेहतर नहीं| हमने घर-कोठियां बहुत साफ़ कर लिए लेकिन आत्मा दूषित कर ली| हमने ‘अणु’ पर विजय प्राप्त कर ली लेकिन अहंकार से हार गए | हम लिखते अधिक हैं लेकिन समझते कम हैं| हम योजनायें अधिक बनाते हैं पर उन्हें पूर्ण कम ही करते हैं| हम दौड़ते अधिक हैं और इंतज़ार कम करते हैं |

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