Hindi, asked by AdarshKumar24, 10 months ago

अनुच्छेद लेखन:जीवन मे खेल कूद का महत्व.​

Answers

Answered by Anonymous
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\huge\underline\bold{उत्तर:-}

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खेल-कुद क्या हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीज है, इसके बिना हम अस्वस्थ होंगे।खेल-कुद यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपकी सांस लेने की समस्याओं को हराने में हमारी मदद करता है और साथ ही हम स्वस्थ रहेंगे तो हमारा मस्तिष्क ताजी हवा प्राप्त करेगा।और उसके कारण नए सुंदर विचार सामने आएंगे, हमारी याददाश्त तेज हो जाएगी, हर कोई आपसे बात करना पसंद करेगा, आपकी वाणी और मधुर हो जाएगी।हमारा मन शांत हो जाएगा तब हमारे जीवन में कोई मानसिक या शारीरिक तनाव नहीं होगा, हम जीवन को बस जीना सीखेंगे और हर लम्हे का आनंद लेंगे.हम खुद को अनुशासित करना सीखेंगे। सामाजिक विकास, भावना विकास और आत्मविश्वास भी बढ़ता है।हम टीम के काम का मूल्य सीखते हैं, कैसे अपनी भावनाओं को नियंत्रित करें, जैसे कि क्रोध, रोना, आदि।

हम सीखते हैं कि खेल जीतना न केवल महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका आनंद लेना भी महत्वपूर्ण है। हमारे जीवन में खेल-कुद की वजह से हम अपने जीवन में धैर्य रखना सीखते हैं, समय का मूल्य सीखते हैं।जब हम बाहर जाते हैं और खेलते हैं तो हम असली से मिलते हैं।हमारा शरीर अधिक लचीला, अधिक शक्तिशाली (मानसिक शक्ति के संदर्भ में), आदि बनना शुरू कर देगा। इस खेल के कारण हमारे पास हमेशा सब कुछ करने की ताकत है। इसलिए हमें रोजाना खेलना चाहिए। धन्यवाद!!

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Hope this helps u dear mate

keep smiling \huge\blue{\ddot\smile}

Answered by Akkirajrk1122
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Answer:

‘स्वास्थ्य ही धन है’ एक पुरानी कहावत है, जो आज भी उतनी ही सच है । अनेक प्रकार के खेलकूदों के द्वारा विद्यार्थी अपने स्वास्थ और शरीर का निर्माण कर सकते हैं । इनके द्वारा स्वच्छ वायु और खुले वातावरण में अच्छी कसरत हो जाती है ।

सारे दिन पढ़ाई या काम करते-करते व्यक्ति खिन्न हो जाता है । खेलों के द्वारा यह खिन्नता और उदासी बड़ी आसानी से दूर हो जाती है और मन प्रफुल्लित हो जाता है । भारत को ऐसे किताबी कीडों की आवश्यकता नहीं है, जिनके गाल पिचके और आंखें धंसी हो ।

अच्छे विद्यार्थियों से अपेक्षा की जाती है कि वे सभी बातों पर समुचित ध्यान दे । उसे पढ़ाई पर पूरा ध्यान देना चाहिए । लेकिन खेलकूद तथा अन्य गतिविधियों की अवहेलना नहीं करनी चाहिए । उसे इस कहावत का पालन करना चाहिए कि ”काम के समय काम और खेल के समय खेल । सुख और प्रसन्नता का यही मार्ग है ।”खेलों में अनुशासन और खेल की सही भावना सीखते हैं । सच्चा खिलाड़ी हार और जीत से प्रभावित नहीं होता । वह खेलने के लिए खेल खेलता है । खेलो के माध्यम से ही हर्ष और शोक की बिना परवाह किए हम जीवन की राह पर चलना सीखते हैं ।

खेलों के द्वारा हमे हंसते-हंसते असफलता का सामना करना आ जाता है तथा सफलता से फूल नहीं उठते । खेलों के द्वारा ही हम जीवन की सही कला सीखते हैं, क्योंकि हम भली-भाँति जान लेते है कि जीवन संग्राम में वही विजयी हो सकता है जो धैर्यपूर्वक सतत प्रत्यनशील रहे ।बड़े नगरों के अधिकाँश स्कूलों में खेलकूद की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होती । अधिकारियों को चाहिए कि वे खेलकूद पर अधिक ध्यान दे तथा अधिक धन की व्यवस्था करे । हर स्कूल के प्रत्येक विद्यार्थी को खेलकूद में अनिवार्य रूप से भाग लेने का प्रावधान किया जाना चाहिए । खेलकूदों के बिना शिक्षा अधूरी रह जाती है । विद्यार्थी को श्रेष्ठ नागरिक बनाने के लिए स्कूलों में खेलकूद को भी अपेक्षित महत्त्व दिया जाना चाहिए ।

#Hi MEGHA#

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