अनुच्छेद लेखन का विषय - ' भविष्य में भारत का उभरता स्वरूप ' ( शब्द सीमा 70-80 शब्द )
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Answers
Explanation:
मुझे लगता है कि हम अपनी स्थिति को समझ सकते हैं. साथ ही दूसरे संकटों को देखकर हम यह भी अंदाज़ा लगा सकते हैं कि हमारा भविष्य कैसा होने वाला है.
मेरी रिसर्च का फ़ोकस आधुनिक अर्थव्यवस्था के फंडामेंटल्स पर है. इसके केंद्र में ग्लोबल सप्लाई चेन, तनख़्वाह और उत्पादकता जैसी चीज़ें हैं.
एपिसोड्स
समाप्त
मैं इन चीज़ों पर ग़ौर कर रहा हूं कि कैसे आर्थिक क्रियाकलाप क्लाइमेट चेंज और मज़दूरों के कमज़ोर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की वजह बनते हैं.
मैं यह बात ज़ोर देकर कहता रहा हूं कि अगर हम एक सामाजिक तौर पर न्यायोचित और एक बेहतर पर्यावरण वाला भविष्य चाहते हैं तो हमें अपने अर्थशास्त्र को बदलना होगा.
कोविड-19 के इस दौर में इससे ज़्यादा मौजूं कुछ भी नहीं हो सकता है.
कोरोना वायरस महामारी के रेस्पॉन्स दूसरे सामाजिक और पर्यावरणीय संकटों को लाने वाले जरियों का विस्तार ही है. यह एक तरह की वैल्यू के ऊपर दूसरे को प्राथमिकता देने से जुड़ा हुआ है. कोविड-19 से निपटने में ग्लोबल रेस्पॉन्स को तय करने में इसी डायनेमिक की बड़ी भूमिका है.
ऐसे में जैसे-जैसे वायरस को लेकर रेस्पॉन्स का विकास हो रहा है, उसे देखते हुए यह सोचना ज़रूरी है कि हमारा आर्थिक भविष्य क्या शक्ल लेगा?
एक आर्थिक नज़रिए से चार संभावित भविष्य हैं.
पहला, बर्बरता के दौर में चले जाएं. दूसरा, एक मज़बूत सरकारी कैपिटलिज़्म आए. तीसरा, एक चरम सरकारी समाजवाद आए. और चौथा, आपसी सहयोग पर आधारित एक बड़े समाज के तौर पर परिवर्तन दिखाई दे. इन चारों भविष्य के वर्जन भी संभव हैं.
Answer:
भारत की ऊर्जा सुरक्षा और व्यापार संबंधी सुरक्षा की आवश्यकताओं की दृष्टि से इस प्रकार की क्षमताओं के विकास से भारत की रणनीतिक पहुँच उत्तरोत्तर बढ़ती जाएगी.अगर पुरे विश्व में केवल एक महाशक्ति होती है, तो उस देश को परमशक्ति कहा जाता है। वर्तमान में, यह कहा गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस, यूके और जापान महान शक्तियां हैं।भारत गणराज्य को दुनिया के उभरते हुए महाशक्तियों में से एक माना जाता है। ... 2015 में, भारत 7.5% अनुमानित जीडीपी दर (मध्य वर्ष की शर्तों) के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया। देश को एक महाशक्ति माना जा सकता है इससे पहले कई आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक समस्याओं को दूर करना चाहिए।अमेरिका ने खुद को दुनिया में एक महान "नैतिक बल" के रूप में देखा। कई अमेरिकियों को यह सोचना पसंद था कि जिस अवधि में वे रह रहे थे उसे काफी वैध रूप से "अमेरिकन सेंचुरी" के रूप में वर्णित किया जा सकता है। सोवियत संघ के पतन के साथ, अमेरिका दुनिया में एकमात्र महाशक्ति बन गया।अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बड़ी शक्ति उस संप्रभु देश को कहते हैं जिसमें वैश्विक रूप से अपना प्रभाव डालने की क्षमता होती है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों अमरीका, चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन को महाशक्ति माना जा सकता है.
Explanation:
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