Hindi, asked by anjalijd777, 7 months ago

अनुच्छेद लेखन – मेरा प्रिय खेल



सहायक बिंदु –अ. मैदान एवं खिलाडी ब. खेल खेलना स.खेल के रूप द.उपसंहार​

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Answered by Anonymous
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Answer:

हमारे विद्यालय मे एक बहुत बड़ा खेल का मैदान हैं जहां मैं अक्सर अपने दोस्तों से साथ Cricket खेलता हूँ। इस खेल ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है जैसे की Team Work, सोचने की शक्ति, दबाव झेलना और इत्यादि। मुझे शुरू से ही बल्लेबाज़ी से ज्यादा गेंदबाज़ी मे दिलचस्प रहा है। ज़हीर खान और इरफान पठान जैसे गेंदबाज़ी को भारत के लिए खेलता देख मैं बड़ा हुआ हूँ। घर की छत से ले कर हमने घर के सामने सड़क पर मैच खेले हैं। इस खेल को खेलने के लिए हम विद्यालय समय से पहले ही पहुँच जाते हैं।

जब भी हम घर पर होते हैं तो प्लास्टिक की गेंद से घर की छत पर इस खेल को खेलते हैं। टॉस के लिए कागज़ या सिक्के का प्रयोग करते हैं और विकेट बनाने के लिए ईंटों या लकड़ी का प्रयोग करते | अन्य खिलाड़ी के रूप मे मैं अपने छोटे भाई बहन को खिलाता हूँ। मेरा एक बड़ा भाई है जिसे क्रिकेट से उतना ही प्यार है जितना की मुझे। वो अक्सर मेरे हाथ मे गेंद थमा कर अपने हाथ मे बल्ला ले लेता है। मुझे इस बात का दुख नहीं होता क्यूंकी मुझे गेंदबाज़ी पसंद है और मैं बिना थके सुबह से शाम तक गेंदे फेंक सकता हूँ। जब भी हम अपने गली मे क्रिकेट खेलते हैं तो आस पड़ोस के भैया भी हमारे साथ खेलने लगते हैं। इस खेल को खेलते खेलते कब समय गुज़र जाता है इसका पता ही नहीं लगता।

क्रिकेट खेल को खेलने के लिए बल्लेबाज़, गेंदबाज़ , फील्डर और umpire की आवश्यकता होती है। गेंदबाज़ का काम गेंद फेंकना , बल्लेबाज़ का काम गेंद मारना , फील्डर का काम गेंद रोकना और umpire का काम इन सब चीजों पर नज़र रख पारदर्शिता बनाए रखना होता है। एक टीम के पास 10 विकेट होते हैं यानि की एक टीम दस बार आउट हो सकती है। यदि गेंदबाज़ की गेंद सीधे विकेट से टकराती है तो बल्लेबाज़ आउट माना जाता है। यदि गेंद बल्ले से लगने के बाद बिना ज़मीन से टकराए फील्डर के हाथ मे चली जाती है तब भी बल्लेबाज़ आउट माना जाता है। इसके अलावा बल्लेबाज़ को LBW, स्टंपिंग और रन आउट के माध्यम से आउट किया जा सकता है।

मुझे मेरा पहला बैट पिताजी ने मेरे 12वें जन्मदिन पर उप्हार स्वरूप दिया था। बैट को हाथ मे पकड़ते ही मैं खुद को महेंद्र सिंह धोनी और सचिन मानने लगता था और हवा मे ही बल्ला चला कर उनकी नकल किया करता था। बैट को घर मे आए अभी 1 दिन भी नहीं गुज़रा था और मैंने पिताजी के सामने ज़िद रख दी थी की मुझे बड़े हो कर एक क्रिकेट खिलाड़ी बनना है। मैं रोज़ पिताजी को ज़बरदस्ती मैदान मे ले जा कर उनसे गेंदे फेकवाता था। पिताजी मुझे अक्सर समझाते की क्रिकेट खिलाड़ी बनने मे कोई बुराई नहीं है परंतु मुझे साथ मे अपनी पढ़ाई पर भी बराबर ध्यान देना चाहिए।

क्रिकेट मेरा प्रिय खेल इसलिए भी बना क्यूंकी इससे सम्बंधित कई यादें हैं जो मैं आज भी नहीं भूल पाया हूँ। इस खेल ने मेरे कई सारे दोस्त बनाने मे मेरा मदद किया हैं जो आज भी मेरे ज़िंदगी का अनमोल हिस्सा हैं। खेल खेलते समय अक्सर हमारी गेंद खो जाया करती थी। मेरे साथ क्रिकेट खेलने वाले कई दोस्तों ने अपना शहर बदल लिया और गेंद की ही तरह कहीं खो गए। हालांकि उन्हे खोने का दुख गेंद के खोने से कई गुना ज़ादा था परंतु आज भी उनके साथ खेले गए क्रिकेट के दिनों की याद मेरे चेहरे पर मुस्कान ला देती है।

Answered by MANGESHSHINDE305
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Answer:

मेरा प्रिय खेल क्रिकेट है । आधुनिक युग मैं इस खेल को अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व प्राप्त है । भारत में यह खेल सर्वाधिक आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है । इस खेल से लोगों को अद्‌भुत लगाव है ।

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