Hindi, asked by McDKskdl, 7 days ago

अनुच्छेद लेखन

विषय- भारत और सच्चाई
संकेत बिंदु: भारत में अगर सच हो तो भारत कैसा होगा ?, भारत में अगर झूठ है तो भारत कैसा होगा ?, उपाय​

Answers

Answered by sukhdeepkaurotaal31
0

Answer:

मनुष्य जीवन के लिए सत्य सबसे बड़ी शक्ति हैं. जीवन तथा संसार के सत्य की तलाश कर उसे जीवन में अपनाना मानव मात्र का मूल उद्देश्य हैं. हमारी संस्कृति में सत्य को बड़ा महत्व दिया गया हैं. इस सम्बन्ध में एक महापुरुष ने ठीक ही कहा कि सत्य परेशान हो सकता है मगर पराजित नहीं. भारत की भूमि पर हरिश्चन्द्र जैसे राजा हुए जिनकी सत्यनिष्ठा के चलते वे सत्यवादी कहलाए.

सच अथवा सत्य बोली का सबसे सुंदर स्वरूप हैं. जो व्यक्ति जीवन में सत्यता के गुण को अपनाते है उनमें बड़े मौलिक बदलाव नजर आते हैं. प्रत्येक युग में सत्य हमेशा विजयी हुआ है तथा समाज ने उसे अपना दैवीय आदर्श माना हैं. मानव जीवन के लिए सत्य एक अटूट अंग हैं.

यदि किसी समाज या देश के सभी लोग सत्य को अपने जीवन का मूल आधार बनाए तो निश्चय ही उस देश को प्रगति के शिखर पर पहुच जाता हैं. क्योंकि देश तथा समाज की अधिकतर समस्याओं की मूल जड़ असत्य ही हैं. सत्य की बोली का दिल से गहरा सम्बन्ध होता हैं. हमारे सामने वाला व्यक्ति सत्य बोल रहा है या नहीं इसकी गवाही उसकी शारीरिक हालचाल ही बता देती हैं. क्योंकि व्यक्ति के वचन के साथ ही उनके अंग एक विशिष्ट प्रतिक्रिया देते हैं.

एक आम व्यक्ति के जीवन में सत्य का बड़ा महत्व हैं यह हमें धन दौलत, ईमान, विश्वास तथा सम्मान भी दिलाता हैं. जीवन का कोई भी क्षेत्र हो वही व्यक्ति अंत में सफल और सम्मानित होता है जो सदा सत्य बोलता हैं क्योंकि झूठ के चार पाँव होते हैं जिसकी पोल एक दिन खुलना निश्चय ही हैं. कड़वे सत्य व्यक्ति को कई बार नई समस्याओं में भी डाल देते हैं मगर अंत में जीत उसी की होती हैं जो सत्य के साथ हो.

आज के दौर में बहुत से निराशावादी लोग भी मिलेगे, जो अक्सर यह कहते है कि सच बोलने का जमाना नहीं रहा या लोग सच की कद्र नहीं करते हैं. जबकि वाकई में ऐसा नहीं हैं. सत्य हमेशा कड़वा होता हैं इस कारण बहुत से कमजोर चरित्र के लोगों को यह पच नहीं पाता हैं. मगर जो व्यक्ति अपने सिद्धांतों पर जीवन जीते है तथा सदैव सत्य वचन बोलते हैं आखिर में विजय उन्ही की होती हैं. क्योंकि जीवन ही सत्य है सत्य ही जीवन हैं जिसे छोड़कर मानव जीवन कुछ भी नहीं हैं.

Answered by ayushdhakr1811
0

मनुष्य जीवन के लिए सत्य सबसे बड़ी शक्ति हैं. जीवन तथा संसार के सत्य की तलाश कर उसे जीवन में अपनाना मानव मात्र का मूल उद्देश्य हैं. हमारी संस्कृति में सत्य को बड़ा महत्व दिया गया हैं. इस सम्बन्ध में एक महापुरुष ने ठीक ही कहा कि सत्य परेशान हो सकता है मगर पराजित नहीं. भारत की भूमि पर हरिश्चन्द्र जैसे राजा हुए जिनकी सत्यनिष्ठा के चलते वे सत्यवादी कहलाए.

सच अथवा सत्य बोली का सबसे सुंदर स्वरूप हैं. जो व्यक्ति जीवन में सत्यता के गुण को अपनाते है उनमें बड़े मौलिक बदलाव नजर आते हैं. प्रत्येक युग में सत्य हमेशा विजयी हुआ है तथा समाज ने उसे अपना दैवीय आदर्श माना हैं. मानव जीवन के लिए सत्य एक अटूट अंग हैं.

यदि किसी समाज या देश के सभी लोग सत्य को अपने जीवन का मूल आधार बनाए तो निश्चय ही उस देश को प्रगति के शिखर पर पहुच जाता हैं. क्योंकि देश तथा समाज की अधिकतर समस्याओं की मूल जड़ असत्य ही हैं. सत्य की बोली का दिल से गहरा सम्बन्ध होता हैं. हमारे सामने वाला व्यक्ति सत्य बोल रहा है या नहीं इसकी गवाही उसकी शारीरिक हालचाल ही बता देती हैं. क्योंकि व्यक्ति के वचन के साथ ही उनके अंग एक विशिष्ट प्रतिक्रिया देते हैं.

एक आम व्यक्ति के जीवन में सत्य का बड़ा महत्व हैं यह हमें धन दौलत, ईमान, विश्वास तथा सम्मान भी दिलाता हैं. जीवन का कोई भी क्षेत्र हो वही व्यक्ति अंत में सफल और सम्मानित होता है जो सदा सत्य बोलता हैं क्योंकि झूठ के चार पाँव होते हैं जिसकी पोल एक दिन खुलना निश्चय ही हैं. कड़वे सत्य व्यक्ति को कई बार नई समस्याओं में भी डाल देते हैं मगर अंत में जीत उसी की होती हैं जो सत्य के साथ हो.

आज के दौर में बहुत से निराशावादी लोग भी मिलेगे, जो अक्सर यह कहते है कि सच बोलने का जमाना नहीं रहा या लोग सच की कद्र नहीं करते हैं. जबकि वाकई में ऐसा नहीं हैं. सत्य हमेशा कड़वा होता हैं इस कारण बहुत से कमजोर चरित्र के लोगों को यह पच नहीं पाता हैं. मगर जो व्यक्ति अपने सिद्धांतों पर जीवन जीते है तथा सदैव सत्य वचन बोलते हैं आखिर में विजय उन्ही की होती हैं. क्योंकि जीवन ही सत्य है सत्य ही जीवन हैं जिसे छोड़कर मानव जीवन कुछ भी नहीं हैं.

Similar questions