अनुच्छेद - मेरा देश भारत । (Write in Hindi )
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मेरा देश भारत महान है। हम भारतवासी इसकी माता के समान इन शब्दों में स्तुति करते हैं- वन्देमातरम्। यह एशिया महाद्वीप के बड़े देशों में से एक है। इसी जनसंख्या 100 करोड़ से भी अधिक है। यह विश्व का सबसे बड़ा प्रजातन्त्र प्रणाली वाला देश है। इसके उत्तर में हिमालय है और दक्षिण में हिन्द महासागर। इसके पूर्व में बंगाल की खाड़ी और पश्चिम में अरब सागर ठाठे मारता है।
भारत में अभी अभी लोकसभा के चुनाव हुए हैं। श्री अटल बिहारी वाजपेयी भारत के प्रधानमंतरी हैं और श्री के आर नारायण राष्ट्रपति। यह वह देश है जिसे सोने की चिड़िया कहा जाता रहा है। हमारा देश कई सौ वर्शों तक परतन्त्रता की बेड़ियों में जकड़ा रहा है। इस कारण इसके विकास में बाधा पड़ी रही है। पर अब विकास के द्वार खुल गए हैं। वह दिन दूर नहीं जब हमारा देशर सारे विश्व में ऊँचे स्थान पर होगा।
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हमारा देश धर्म निरपेक्ष देश है। इसमें विभिन्न धर्मों के लोग हिन्दू, मुसलमान, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध, जैन आदि शान्ति और प्रेमपूर्वक रहते हैं। उन सभी के पूजास्थल और तीर्थस्थल हैं। ये सभी मिलकर भारत की सुन्दरता को बढ़ाते हैं। विश्व का सातवाँ आश्चर्य ताजमहल भारत में स्थित है। मेरे देश भारत की शोभा निराली है। यहाँ गर्मी, सर्दी, बसन्त, पतझड़ सभी ऋतु समय समय आती रहती हैं। यहाँ कश्मीर की सुन्दरवादियाँ हैं तो राजस्थान का विशाल रेगिस्तान भी है।
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यहीं राम और कृष्ण ने जन्म लिया था। यहीं वेदों का ज्ञान ऋर्षि मुनियों ने पाया था। यहाँ की स्त्रियों ने अपने कत्र्तव्य पालन को ही अपना धर्म समझा था। सीता, दुर्गावती, झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई आदि महान नारियाँ इसी भारत में जन्मी थीं। यह वह देश है जहाँ गंगा, यमुना, सतलुज, व्यास, कृष्णा, कावेरी निरन्तर अपने जल से सारे भू भाग को सींचती रहती हैं। गंगा नदी को तो उसकी पवित्रता के कारण देव नदी के नाम से जाना जाता है। इस बारह मास बहने वानी नदी से भारत का बहुत बड़ा भाग सिंचित होता है। इसके किनारे अनेक तीर्थ स्थल और बड़े बड़े नगर स्थित हैं।
मेरा देश भारत धनधान्य से भरपूर है। यह तो देव भूमि हैं जहाँ हर प्रकार की सुख सुविधा धरती माता हमें देती रहती है। मैथिलीशरण गुप्त ने भारत माता की वन्दना करते हुए लिखा है-
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निर्मल तेरा नीर, अमृत के सम उत्तम हैं,
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शीतल मंद सुगंध पवन हर लेता श्रम है?
हरियाली का फर्श नहीं मखमल से कम हैं।
हे मातृभूमि, दिन में तरणि, करता तम का नाश है।
जयशंकर प्रसाद ने अपनी एक कविता में लिखा है-
जिएँ तो सदा उसी के लिए, यही अभिमान रहे, यह हर्ष।
न्योछावार कर दें हम सर्वस्व हमारा प्यारा भरतवर्ष।
यह देश की मिट्टी का असर है कि यहां हमेशा से ही महान हस्तियां, चाचा नेहरू, मौलाना आजाद, प्रेमचंद, झांसी की रानी, टाटा, बिरला, अंबानी, स्टील किंग लक्ष्मी मित्तल, एमएफ हुसैन, डॉ. सारा भाई न जाने कितनी ही प्रतिभाएं आती रही हैं और आती रहेंगी। हमारे पूर्वजों ने बड़े संघर्षों के बाद आजादी का तोहफा हमें दिया। जिसकी सुरक्षा हमारा परम कर्तव्य है। नैतिक, मूल्यों एवं संस्कारों का बड़ा महत्व है।
भारत एक कृषि प्रधान देश है 80 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है। 60 प्रतिशत आबादी युवा वर्ग की है और प्रत्येक युग एवं देश का भविष्य युवा होता है। हमारे पास गर्व करने लायक काफी उपलब्धियां हैं। हम हिमालय की चोटी पर पहुंचे, चांद को अपना बनाया है, राजनीति में भी युवाओं की भागीदारी बढ़ने लगी है। पूरी दुनिया में सबसे युवा है भारत जो राजनीति औद्योगीकरण विज्ञान, शिक्षा, साहित्य सृजन और कला में आगे हैं। 'ऐ मेरे प्यारे वतन तेरे सूरज सदा जगमगाते रहें चांद-तारे यूं ही मुस्कारते रहें।'
मेरे देश का नाम भारत है। भारत को इंडिया तथा हिंदुस्तान नाम से भी जाना जाता है। मेरे देश की जनसंख्या लगभग 1 अरब 21 करोड़ है। यहां अनेक भाषाओं और बोलियों को बोलने वाले लोग निवास करते हैं।
मेरा देश धार्मिक विविधता वाला देश है। हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई, मुस्लिम आदि धर्मों को यहां एक समान दृष्टि से देखा जाता है। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है।
भारत की सभ्यता और संस्कृति दुनिया भर में विख्यात है। इसी से अभिभूत होकर लाखों विदेशी नागरिक प्रतिवर्ष यहां घूमने के लिए आते हैं।