अनुच्छेद on मैं परीक्षा से डरती नहीं
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हलो दोस्तो, इन दिनों लगभग आप सभी परीक्षा में व्यस्त होंगे या इसकी तैयारियाँ कर रहे होंगे। परीक्षा के दिनों में टेलीविजन के सीरियल देखने का मन होता है। इसी बीच होली भी आई और जिन स्टुडेंट्स का रंगों से खेलने का मन हुआ, उन्होंने खूब रंग और गुलाल खेला होगा।
कुछ विद्यार्थियों को परीक्षा का डर ज्यादा होता है तो वे पूरे समय पढ़ाई में ही लगे रहते हैं। परीक्षा के दिनों में पढ़ाई को गंभीरता से लेना ठीक है पर परीक्षा तनाव नहीं बनना चाहिए। जो स्टूडेंट्स परीक्षा के दिनों में तरोताजा रहते हैं और अपनी तैयारी पर विश्वास रखते हैं वे अच्छा स्कोर कर जाते हैं। परीक्षा का ज्यादा टेंशन होने पर परीक्षा हॉल में भी चीजों के भूल जाने का डर रहता है। इसलिए ज्यादा अच्छा तो यह है कि परीक्षा को आने दो और अपनी तैयारी पूरी रखो।
जितनी भी तैयारी करें आत्मविश्वास से करें। कुछ कठिन होने के कारण छूट भी रहा हो तो उसमें अपनी मेहनत जाया न करें। क्योंकि इस तरह ऐसा भी हो सकता है कि आप 10 नंबरों के लिए शेष 90 नंबरों से खिलवाड़ कर रहे हों। ऐसी स्थिति में आपको जो मैटर ईजी लगे उसे और अच्छे से तैयार करें, परीक्षा में उन प्रश्नों के आने पर आप उसे किस तरह हल करें, उसका प्रस्तुतीकरण कैसा हो। इस पर ध्यान दें। तो काफी हद तक संभावना है कि कोई कठिन प्रश्न आने पर आपको छोड़ना भी पड़े तो यह अतिरिक्त तैयारी उसे काफी हद तक कवर कर लेगी।
ठीक है ना दोस्तो वैसे भी थोड़ी देर के लिए सकारात्मक होकर सोच लें कि मैरिट में आने वाले छात्रों को भी 100 में से 100 मार्क्स तो आते नहीं हैं। अत: एकदम परफैक्ट होने के चक्कर में ऐसा न हो कि जो हमें आता हो वही न कर पाएँ। आशा करता हूँ इन बातों को ध्यान रखते हुए पूरे आत्मविश्वास के साथ पेपर देने जाएँगे और बढ़िया करेंगे। विश यू ऑल द बेस्ट।
आपका
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मैं परिक्षा से डरती नहीं हूं इसका कारण मेरी मां है जो मुझे बचपन से सीखाते हुए आई है कि बेटा नर्वस नहीं होना क्योंकि नर्वसनेस सब कुछ खत्म कर देता है।
हमेशा पाज़िटिव रहो और परिक्षा को परिक्षा नहीं एक खेल समझो जिसको मेहनत और लगन से जीतना है।
परिक्षा में सफलता होने के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत होती है। जो पूरे साल नहीं पढ़ते वे डरते हैं परिक्षा से। मगर जो हमेशा पढ़ते हैं वह डरते नहीं है।
यही कारण है कि मैं डरती नहीं हूं।