अनुच्छेदं पठित्वा प्रश्ननाम् उत्तराणि लिखत | रुचि: - अस्मिन् ध्वजे त्रयः वर्णाः सन्ति, अतः त्रिवर्णः। किं त्वम् एतेषां वर्णानां नामानि जानासि? सलीमः – अरे! केशरवर्णः,श्वेतः, हरितः च एते त्रयः वर्णाः। देवेशः – अस्माकं ध्वजे एते त्रयः वर्णाः किं सूचयन्ति? सलीमः – शृणु, केशरवर्णः शौर्यस्य, श्वेतः सत्यस्य,हरितश्च समृद्धे: सूचकाः सन्ति
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प्रेरणार्थक क्रिया (Causative Verb) - जब कर्ता किसी कार्य को स्वयं न करके किसी दूसरे को कार्य करने की प्रेरणा दे तो उस क्रिया को प्रेरणार्थक क्रिया कहते हैं ।
जैसे- - काटना से कटवाना, करना से कराना।
एक अन्य उदाहरण इस प्रकार है मालिक नौकर से कार साफ करवाता है। अध्यापिका छात्र से पाठ पढ़वाती हैं।
उपर्युक्त वाक्यों में मालिक तथा अध्यापिका प्रेरणा देने वाले कर्ता हैं। नौकर तथा छात्र को प्रेरित किया जा रहा है। अतः उपर्युक्त वाक्यों में करवाता तथा पढ़वाती
प्रेरणार्थक क्रियाएँ हैं।
प्रेरणार्थक क्रिया में दो कर्ता होते हैं :
(1) प्रेरक कर्ता-प्रेरणा देने वाला; जैसे- मालिक, अध्यापिका आदि।
(2) प्रेरित कर्ता-प्रेरित होने वाला अर्थात जिसे प्रेरणा दी जा रही है; जैसे- नौकर, छात्र आदि ।
Explanation:
all are in sanskrit Language
अस्माकं ध्वजस्य श्वेतवर्णः शान्तेः सूचकः अस्ति।