अनुछेद लिखिए
कोरोना वायरस मनुष्य का दुश्मन पर प्रकृति का दोस्त
संकेत बिंदु-
1. वायरस से मनुष्य को नुकसान
2. प्रकृति में सुधार
3. मनुष्य के कर्तव्य
Answers
Question:-
अनुछेद लिखिए
कोरोना वायरस मनुष्य का दुश्मन पर प्रकृति का दोस्त
संकेत बिंदु-
1. वायरस से मनुष्य को नुकसान
2. प्रकृति में सुधार
3. मनुष्य के कर्तव्य
पिछले चार महीनों में हमारी दुनिया एकदम बदल गई है. हज़ारों लोगों की जान चली गई. लाखों लोग बीमार पड़े हुए हैं. इन सब पर एक नए कोरोना वायरस का क़हर टूटा है. और, जो लोग इस वायरस के प्रकोप से बचे हुए हैं, उनका रहन सहन भी एकदम बदल गया है. ये वायरस दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में पहली बार सामने आया था. उसके बाद से दुनिया में सब कुछ उलट पुलट हो गया.
शुरुआत वुहान से ही हुई, जहां पूरे शहर की तालाबंदी कर दी गई. इटली में इतनी बड़ी तादाद में वायरस से लोग मरे कि वहां दूसरे विश्व युद्ध के बाद से पहली बार लोगों की आवाजाही पर इतनी सख़्त पाबंदी लगानी पड़ी. ब्रिटेन की राजधानी लंदन में पब, बार और थिएटर बंद हैं. लोग अपने घरों में बंद हैं. दुनिया भर में उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. और बहुत से संबंध सोशल डिस्टेंसिंग के शिकार हो गए हैं.
ये सारे क़दम इसलिए उठाए गए हैं, ताकि नए कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके और इससे लगातार बढ़ती जा रही मौतों के सिलसिले को थामा जा सके.
प्रदूषण में भारी कमी
इन पाबंदियों का एक नतीजा ऐसा भी निकला है, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी. अगर, आप राजधानी दिल्ली से पड़ोसी शहर नोएडा के लिए निकलें, तो पूरा मंज़र बदला नज़र आता है. सुबह अक्सर नींद अलार्म से नहीं, परिंदों के शोर से खुलती है. जिनकी आवाज़ भी हम भूल चुके थे.
प्रकृति के लिए वरदान :-
इसमें शक नहीं कि नया कोरोना वायरस दुनिया के लिए काल बनकर आया है. इस नन्हे से वायरस ने हज़ारों लोगों को अपना निवाला बना लिया है. अमरीका जैसी सुपरपावर की हालत ख़राब कर दी है. इन चुनौतियों के बीच एक बात सौ फ़ीसद सच है कि दुनिया का ये लॉकडाउन प्रकृति के लिए बहुत मुफ़ीद साबित हुआ है. वातावरण धुल कर साफ़ हो चुका है. हालांकि ये तमाम क़वायद कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हैं.