Hindi, asked by tvishagoindi64, 10 months ago

अनुछेद लेखन-अनचाहे अतिथि का आगमन​

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Answered by dimpi4858
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Answer:

भारत में अतिथि देवो भव कहा जाता है – अर्थात अतिथि देवता के सामान होते हैं .इसलिए अतिथि सत्कार और स्वागत के लिए शिव पुराण में कई जरुरी और महत्वपूर्ण बाते लिखी गई है.

अतिथि के सत्कार और स्वागत की विधि भी बताई गई है, जिसका अनुसरण करने से रिश्ते मजबूत बनाते है, रिश्तों में मिठास कायम रहती है, और समाज में मान सम्मान मिलता है.कोई भी अतिथि बनकर घर आये तो उनका सम्मान और ख़ुशी से स्वागत करना चाहिए. अतिथि भगवान के सामान होता है. इसलिए उनका सम्मान करते हुए अच्छा आचरण, अच्छा व्यवहार करें ताकि उनके मन से आपके लिए आशीर्वाद और शुभकामनाये निकले.

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