अनुछेद लेखन "मेरी प्रिय पुस्तक"
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★★प्रस्तावना:★★
पुस्तक में अच्छा या बुरा प्रभाव छोड़ने की अनुपम शक्ति होती है । अच्छी पुस्तक मानव का कल्याण करने में बड़ी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जबकि खराब पुस्तक या विकृत साहित्य घातक रोग से भी अधिक नुकसान करने में सक्षम होती है ।
मानव इतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण हैं जिनसे यह भली-भाँति सिद्ध हो जाता है कि पुस्तकों द्वारा अनेक राष्ट्रों का उत्थान और पतन हुआ है । महान लेखक रूसो की रचनाओ के फलस्वरूप ही फ्रांस की क्रांति हुई । कार्ल मार्क्स की महान् रचना ‘दारन कैपिटल’ ने संसारव्यापी साम्यवादी आन्दोलन को जन्म दिया । पिछले दो हजार वर्षों से भी अधिक समय से रामायण भारतीय संस्कृति तथा सभ्यता की उद्धारक रही है ।
★रामायण ने मुझे सर्वाधिक प्रभावित क्यों किया?★
अब तक मैंने जितनी पुस्तकें पड़ी है, उनमें रामायण ने मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया है । इस पुस्तक की अनेक खूबियाँ हैं । यह उपन्यास से भी अधिक रोचक और रोमांचक है । पढ़ने में यह एक साहसिक गाथा लगती है ।लेकिन इसकी अन्तर्वस्तु इतनी दार्शनिक है कि जीवन-दर्शन का महानतम ग्रन्थ इसके आगे नहीं टिक सकता । यह मनुष्य के परिपालन के लिए पूरी नैतिक-संहिता है । पुस्तक के गेय पद्य इस्ने और भी रोचक बना देते हैं ।
★★ कथा संक्षेप:★★
रामायण में अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र भगवान्रामचन्द्र का जीवन-वृत्त ‘है । उनके साथ पत्नी सीता व छोटे भाई लक्ष्मण भी जंगल को गए । जगल में उन्होंने अनेक आततायियों का संहार करके ऋषि-मुनियों का सकट दूर किया ।एक बार धोखे से लंका का राजा रावण सीता को चुरा ले गया । सीता की खोज में उनकी मुलाकात सुग्रीव और हनुमान जैसे बलवान वानरो से हुई । उनकी मदद से भगवान् राम ने लका पर चढ़ाई कर दी और रावण का वध कर दिया । 14 वर्ष बीतने पर वे अपनी पत्नी और भाई के साथ अयोध्या लौट आए ।
रामायण से शिक्षा:
ऊपर की संक्षिप्त कथा से उस ग्रंथ की महानता का पता नहीं लगता । मुख्य कहानी का ताना-बाना अन्य अनेक छोटी घटनाओ से बुना गया है । पुस्तक के वर्णन में बड़े सुन्दर कथोपकथन और वाद-विवाद हैं ।पुस्तक में जनक और वशिष्ठ जैसे महान् साधु-संतों के सुन्दर उपदेश है । इसके दोहे, छंदो और चौपाइयों का काव्य सौष्ठव अनूठा है । केवल इसी के आधार पर इरने अमर काव्य कहा जा सकता है ।
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