Hindi, asked by Parthbanker123, 11 months ago

अनुछेद लेखन -स्वतंत्रता दिवस​

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Answered by harshdpatel18
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Explanation:

प्रतिवर्ष 15 अगस्त के दिन को भारतवासी स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं । भारत को 15 अगस्त, 1947 के दिन वह सुनहरी आजादी प्राप्त हुई थी जिसका लोगों को वर्षों से इंतजार था । इस दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था । लोग गुलामी की जंजीरें तोड़कर बहुत प्रसन्न हुए थे । तब से भारत बहुत उन्नति कर चुका है । भारत के लोग आज भी अपना स्वतंत्रता दिवस् बहुत उत्साह से मनाते हैं । प्रधानमंत्री लाल किले पर झंडा फहराकर राष्ट्र को संबोधित करते हैं । वे राष्ट्र को एकजुट रहने तथा अपनी स्वतंत्रता को बरकरार रखने की प्रेरणा देते हैं । देश के विभिन्न भागों में इस दिन चहल-पहल होती है । लोग तिरंगा झंडा फहराकर एक-दूसरे को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हैं । यह दिवस हमें अपने महान स्वतंत्रता सेनानियों तथा शहीदों का स्मरण करा जाता है । भारतवासी उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प प्रकट करते हैं । स्वतंत्रता दिवस भारत के लोगों को आपसी मतभेद भुलाकर देश के नवनिर्माण की प्रेरणा देता है ।

Answered by Anonymous
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Answer:

स्वतंत्र रहने की इच्छा केवल मनुष्य में ही नहीं पशु, पक्षियों में भी पाई जाती है। हमारे देश को स्वतंत्र कराने के लिए हमारे देश के अनेक नेताओं ने अपना बलिदान दिया था उन्हीं के बलिदान के परिणामस्वरूप 15 अगस्त 1947 में हमें अंग्रेजी शासन से मुक्ति मिली। थी। इसी दिन से भारत एक स्वतंत्र देश गिना जाने लगा। तब से लेकर हर वर्ष 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस राष्ट्रीय पर्व के रूप में आयोजित किया जाता है।

स्वतंत्रता दिवस पर पूरे देश में अनेक प्रकार के कार्यक्रम होते हैं जिनमें देशभक्तों को याद किया जाता है तथा राष्ट्रीय ध्वज फ हराया जाता है। दिल्ली में ऐतिहासिक लाल किले पर भारत के प्रधानमंत्री प्रातः ध्वजारोहण करते हैं। राष्ट्रीय ध्वज को तोपों की सलामी दी जाती है। ध्वजारोहण के पश्चात प्रधानमंत्री देशवासियों के नाम अपना संदेश देते हैं। इस कार्यक्रम को दूरदर्शन पर सीधा प्रसारित किया जाता है।

स्वतंत्रता दिवस का राष्ट्रीय पर्व हमें देश के प्रति अपने कर्तव्यों को याद दिलाता है। हमारा कर्तव्य है कि उन देश भक्तों की कुरबानी को न भूलें जिन्होंने अपने मस्तक देकर हमें स्वतंत्रता का उपहार प्रदान किया। इस दिन हमें देश की एकता और अखंडता की रक्षा । का प्रण लेना चाहिए।

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