अनुछेद लखेन -
१. निराशा छोड़ो , कर्म करो
Answers
निराश व्यक्ति हमेशा भाग्य को कोसता है और कर्म से बचता है. ऐसे में उसे कोई पसंद नहीं करता. सफलता भी उस से दूर भागती है. अत: निराशा छोडि़ए.
कुछ किशोरों के चेहरे पर हमेशा तनाव, उदासी व निराशा के भाव ही दिखते हैं. कई बार तो यह निराशा उन पर इतनी हावी हो जाती है कि देखते ही लगता है कि रो पड़ेंगे. आखिर ऐसा क्यों होता है अगर उन से इस का कारण पूछा जाए तो वे खीज कर कहते हैं, ‘क्या करूं मेरे हिस्से में जब उदास रहना ही लिखा है, तो मैं प्रसन्न कैसे रहूं जिस भी काम में हाथ डालता हूं, असफलता ही मिलती है.’ इतना ही नहीं, निराश व्यक्ति जरा सी भी परेशानी या बाधा आने पर घबरा उठता है और उस के निदान हेतु ज्योतिषियों तथा फकीरों के पास चक्कर काटने लगता है. उसे ऐसा लगने लगता है कि मानो निराशा उस के सिर पर बोझ बन गई हो.
निराश व्यक्ति की व्यथा
निराश व्यक्ति हमेशा भाग्य पर विश्वास करने वाला होता है. लेकिन वह यह नहीं समझता कि व्यक्ति अपने भाग्य का निर्माता स्वयं होता है. निराश व्यक्ति सदैव भाग्य का रोना रोता रहता है. निराशा के चलते वह बहुत जल्द ही अपने बहुमूल्य जीवन को निरर्थक बना लेता है. वह सदैव ज्योतिषियों तथा फकीरों द्वारा बताए गए रास्ते पर चल कर अपने भाग्य के चमत्कार को देखना चाहता है. इस प्रकार हम देखते हैं कि निराशा की मांद में घुस कर व्यक्ति कोई काम नहीं कर सकता, क्योंकि वहां आशा की एक भी किरण नहीं घुस सकती. बड़ेबड़े वैज्ञानिकों, जिन के द्वारा आविष्कृत वस्तुओं को देख कर हम चमत्कृत हो उठते हैं, को अपने आविष्कारों में एक बार में सफलता नहीं मिली. उन्हें असफलताओं को ही अधिक झेलना पड़ा. मगर वे निराश नहीं हुए, अनवरत अपनी साधना में लगे रहे और अंतत: उन्हें सफलता मिली.
आशा जीवन है तो निराशा मृत्यु
आशा के कारण ही हम जीवित हैं, इस में कोई अतिशयोक्ति नहीं. आशा प्रकाश की ज्योति फैलाती है और निराशा अंधकार की. वास्कोडिगामा और कोलंबस आशा के बल पर ही खतरनाक समुद्री यात्रा करते रहे. निराश होना तो वे जानते ही नहीं थे. निराश व्यक्ति को कोई नहीं पूछता. कोई उस की सहायता नहीं करता. निराश व्यक्ति का सभी उपहास उड़ाते हैं. उसे कोई मालिक या अधिकारी काम पर भी नहीं रखता, क्योंकि निराशा के भंवर में पड़ा मनुष्य कोई काम करने योग्य होता ही नहीं है. निराशा एक खतरनाक बीमारी है, जिस व्यक्ति को निराशारूपी यह बीमारी पकड़ लेती है, उसे भीतर ही भीतर यह दीमक की तरह धीरेधीरे खोखला और कमजोर बनाती है. निराशा से ग्रसित व्यक्ति अपने जीवन में कभी सफलता प्राप्त नहीं कर पाता. उसे पगपग पर असफलता ही हाथ लगती है. आखिर आप निराश क्यों हैं अपने भाग्य को दोष क्यों देते हैं असल में आप की निराशा का कारण यह है कि आप को अपनी योग्यता पर विश्वास नहीं है. आप पर असफलतारूपी बीमारी ने हमला बोल दिया है और आप उस से हार मान बैठे हैं.
कैसे पाएं मुक्ति
यदि आप निराशा से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो आप को न केवल अनवरत कर्म करते रहना होगा, बल्कि जीवन के प्रति आशावादी दृष्टिकोण भी अपनाना होगा. आप किसी कार्य को करने की दृढ़ प्रतिज्ञा कीजिए और उस पर अमल करने की कोशिश कीजिए, अवश्य आप को सफलता मिलेगी. यदि आप को चिंता सताती है तो उस से घबराएं नहीं बल्कि मुक्ति के लिए दृढ़ निश्चय हो कर जुट जाएं. आप अपने मन को निर्बल न बना कर सबल बनाइए. निराशा से मुक्ति के लिए उस का कारण ढूंढ़ निकालिए, यदि स्वयं नहीं ढूंढ़ सकते तो किसी मनोवैज्ञानिक की सहायता लीजिए. अपनी मानसिक उलझनों को सुलझाना निराशा से बचने का सर्वोत्तम उपाय है.
आप अपने मन में आशा व हिम्मत जैसे उत्साहवर्द्धक भावों को जगाइए, तभी आप अपने लक्ष्यों में सफलता प्राप्त कर निराशा से मुक्ति पा सकेंगे. यदि आप इस बात का दृढ़ संकल्प कर लें कि आशा ही हमारा जीवन है, निराशा से हमारे जीवन का कोई सरोकार नहीं है, तो आप निराशा से छुटकारा पाने में अवश्य सफल होंगे अतएव निराशा की बात छोडि़ए, भाग्य को कोसना बंद कीजिए, ज्योतिषियों तथा फकीरों के चक्करों में मत पडि़ए. असफलता के विचारों की धाराओं को काट कर फेंक दीजिए और आशा का दामन थामिए. यकीन मानिए, जब आप आशावान बनेंगे तो आप के जीवन के सितार से मनमोहक राग निकलने लगेगा. आप को हर काम में सफलता मिलेगी और आप निराशा से मुक्ति पा खुशहाल जीवन व्यतीत करने लगेंगे.
Nirasha kisi v samasya ka hal nhi hai. Nirash wekti hamesha bhagya ko koshta h parantu isse koi labh nhi hota. ese wekti ko koi pasand nhi krta hai. woh sabhi k nazar me gir jaate h. Hame nirash na hokar aur mehnat aur lagan se kaam krna chahiye . Yadi hm nirasha ko chor kr apne andar asa ka sanchar kare to hm apne jeevan ko sawaar sakte hai. hame apne andar aatmavishwas rakhna chahiye ki ha ham kr sakte hai. uparwala v usi ki madad krta hai jo khud ki madad krta hai.