अनेक रिपोर्टों से पता चलता है कि जो जातियाँ पहले झाड़ देने के काम में लगी थीं उन्हें अब भी मजबूरन यही काम करना पड़ रहा है। जो लोग अधिकार पद पर बैठे हैं वे इन्हें कोई और काम नहीं देते। इनके बच्चों को पढ़ाई-लिखाई करने पर हतोत्साहित किया जाता है। इस उदाहरण में किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है।
Answers
Answer with Explanation:
इस उदाहरण में मौलिक अधिकार समानता के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है, क्योंकि कुछ लोगों के साथ जाति एवं कार्य के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है। सभी नागरिकों को सरकारी नौकरियों या पदों पर बिना किसी भेदभाव के प्रवेश का अधिकार है। छुआछूत को अनुच्छेद 17 के अंतर्गत समाप्त कर दिया गया है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :
गरीबों के बीच काम कर रहे एक कार्यकर्ता का कहना है कि गरीबों को मौलिक अधिकारों की ज़रूरत नहीं है। उनके लिए जरूरी यह है कि नीति-निर्देशक सिद्धांतों को कानूनी तौर पर बाध्यकारी बना दिया जाए। क्या आप इससे सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण बताएँ।
https://brainly.in/question/11843753
इनमें कौन-मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और क्यों?
(क) न्यूनतम देय मज़दूरी नहीं देना।
(ख) किसी पुस्तक पर प्रतिबंध लगाना।
(ग) 9 बजे रात के बाद लाऊड-स्पीकर बजाने पर रोक लगाना।
(घ) भाषण तैयार करना।
https://brainly.in/question/11843592