Hindi, asked by chandrukumar9076, 9 months ago

अनुमान लगाइए कि गोपियो की कौन सी बात उनके मन मे रहे गई ?क्या आपके साथ भी ऐसा हुआ है कि आपकी कोई बात अधूरी रहे गई हो ​

Answers

Answered by Anonymous
1

Answer:

आज तक अपना लिखा हुआ/किया हुआ बताने में ख़ासा संकोच होता रहा. अब सोचता हूँ, बता ही दिया करूं…. साथी बली सिंह की एक कविता है ना–अपनी चर्चा, अपनी तारीफ़ खुद ही करो, और कौन करेगा?…. तो साहिबान, अब छप के आ गयी है वसुधा डालमिया की वो किताब जिसका हम (मैं और योगेन्द्र दत्त) ने अनुवाद किया है. मुश्किल किताब थी. अंदाजा इससे लगाइए कि हमें मिलने से पहले 500 पृष्ठों का एक पूरा अनुवाद, मूल्य चुका कर, डस्टबिन में फेंका जा चुका था.वसुधा जी ने न तो अनुवादक का नाम बताया, न वह अनुवाद दिखाया. बस, ये जानकारी दी कि किताब का कोई वाक्य ही उसके पल्ले नहीं पडा था, यह अनुवादक ने खुद स्वीकार कर लिया था. बहरहाल, हम वह अनुवाद भले न देख पाए हों, अनुवादक का नाम अन्य स्रोतों से ऊपर करने में ज़रूर कामयाब रहे. कभी भंग की तरंग में रहे तो खोल देंगे, और क्या! ….

Similar questions