Hindi, asked by ayushu98, 1 year ago

अनुमान और कल्पना
एक पंक्ति में कवि ने यह कहकर अपने अस्तित्व को नकारा है कि 'हम दीवानों की क्या हस्ती, हैं आज यहाँ,
कल वहाँ चले।' दूसरी पंक्ति में उसने यह कहकर अपने अस्तित्व को महत्त्व दिया है कि 'मस्ती का आलम
साथ चला, हम धूल उड़ाते जहाँ चले।' यह फाकामस्ती का उदाहरण है। अभाव में भी खुश रहना फाकामस्ती
कही जाती है। कविता में इस प्रकार की अन्य पंक्तियाँ भी हैं उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और अनुमान लगाइए
कि कविता में परस्पर विरोधी बातें क्यों की गई हैं?​

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Answered by payalmane
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Answer:

कविता काहा है मेरे पास वो कविता नाही है

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