अनुमान और कल्पना
शाम के बदले यदि आपको एक कविता सुबह के बारे में लिखनी हो तो किन - किन चीज़ों की मदद
लेकर अपनी कल्पना को व्यक्त करेंगे ? नीचे दी गई कविता की पंक्तियों के आधार पर सोचिए ।
write the answer in Hindi and do explanation
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ये प्रश्न अपूर्ण है, क्योंकि इसमें कविता पंक्तियां नही दी गई हैं...
पेड़ों के झुनझुने बजने लगे,
लुढ़कती आ रही हैं,
सूरज की लाल किरणें,
उठ मेरी बेटी सुबह हो गयी।
उत्तर —
सुबह के बारे में मेरी एक कविता कल्पना के आधार पर...
छा रही है गगन में,
सूरज की लालिमा,
मिट रही धीरे-धीरे,
रात की वो कालिमा।
छा गयी चारों तरफ
सूरज की रश्मियाँ,
गूँज उठी जगत में,
सुबह की शहनाइयाँ।।
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Explanation:
सुबह के बारे में मेरी एक कविता कल्पना के आधार पर...
छा रही है गगन में,
सूरज की लालिमा,
मिट रही धीरे-धीरे,
रात की वो कालिमा।
छा गयी चारों तरफ
सूरज की रश्मियाँ,
गूँज उठी जगत में,
सुबह की शहनाइयाँ।।
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