Hindi, asked by ayushu80, 11 months ago

अनुमान और कल्पना
शाम के बदले यदि आपको एक कविता सुबह के बारे में लिखनी हो तो किन - किन चीज़ों की मदद
लेकर अपनी कल्पना को व्यक्त करेंगे ? नीचे दी गई कविता की पंक्तियों के आधार पर सोचिए ।​

Answers

Answered by Anonymous
6

चाहतों में रातें जगता

जाने किसकी राहें तकता

गिन सके वो सारे गिनता

उंगलियों पर तारे गिनता

उंगलियां पिघली हैं उसकी

हाथ उसका जल गया है

सुबह का शायर सयाना

शाम होते ढल गया है

फिजाओं में गूंजता था

शोर सा देता सुनाई

छोड़कर फिर थामता था

एक अदा से वो कलाई

पांव संभले थे मगर

फिर संभल कर वो गिर गया है

सुबह का शायर सयाना

शाम होते ढल गया है

सुबह की शाखों पर सजती

धूप सा शबनम चुराता

चाहतों की बारिशों में

भीगता मुझको भिगाता

चाहत थी जिस पल की

शायद पल वो उसको छल गया है

सुबह का शायर सयाना

शाम होते ढल गया है

this may help u

Similar questions