अनुप्रास अलंकार के 10 उदाहरण लिखो।।।
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अनुप्रास अलंकार उदाहरण –
मुदित महिपति मंदिर आए। सेवक सचिव सुमंत बुलाए ( ‘म’ और ‘स’ की आवृत्ति )
बंदौ गुरु पद पदुम परगा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा ( ‘प’ और ‘स’ की आवृत्ति )
चारु चंद्र की चंचल किरणें खेल रही थी जल थल में ( ‘च’ की आवृत्ति )
विमल वाणी ने वीणा ली ( ‘व’ की आवृत्ति )
रघुपति राघव राजा राम ( ‘र’ की आवृत्ति )
कालिका सी किलकि कलेऊ देती काल को ( ‘क’ की आवृत्ति )
कल कानन कुंडल मोर पखा उर पे बनमाल विराजती है ( ‘क’ की आवृत्ति )
कालिंदी कूल कदंब की डारिन ( ‘क’ की आवृत्ति )
तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए ( ‘त’ की आवृत्ति )
प्रतिभट कटक कटीले केते काटि काटि ( ‘क’ की आवृत्ति )
बरसत बारिद बून्द गहि ( ‘ब’ की आवृत्ति )
चमक गई चपला चम चम ( ‘च’ की आवृत्ति )
कुकि – कुकि कलित कुंजन करत कलोल ( ‘क’ की आवृत्ति )
रावनु रथी विरथ रघुवीरा ( ‘र’ की आवृत्ति )
खेदी -खेदी खाती डीह दारुन दलन की ( ‘ख’ और ‘द’ की आवृत्ति )
हमारे हरि हारिल की लकरी ( ‘ह’ की आवृत्ति )
तू मोहन के उरबसी हवे उरबसी समान
गुरु पद रज मृदु मंजुल
चरर मरर खुल गए अरर रवस्फुटों से
Answer:
अनुप्रास अलंकार का उदाहरण- Anupras Alankar Ka Udaharan
कर कानन कुंडल मोर पखा, उर पे बनमाल बिराजति है। ...
सुरभित सुंदर सुखद सुमन तुम पर खिलते हैं। इस काव्य पंक्ति में पास-पास प्रयुक्त सुरभीत, सुंदर, सुखद और सुमन शब्दों में "स" वर्ण की वार वार आवृति हुई है। ...
तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये
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