Hindi, asked by gauravtrimale, 12 days ago

अनुप्रिया के अनुसार यह युद्ध का सत्य स्वरूप है​

Answers

Answered by kkra6910
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Explanation:

सत्य तीन प्रकार हैं,

उच्च मध्य और नीच,

भेद सत्य जो जान ले,

वो फंसे ना इनके बीच,

उच्च सत्य का अर्थ है,

सरल पूर्ण स्वरूप,

द्रवित होकर मन दुखे,

जैसे तपती धूप,

मध्य सत्य का रूप तो,

विष का ही एक रूप,

अर्ध सत्य विध्वंस करे,

हृदय बुद्धि ले लूट,

नीच सत्य भ्रम जाल है,

जो मिथ्या मध्य फंसाए,

सत्य जान ले फिर भी वो,

सबसे रहे छुपाए,

सार सत्य का एक है,

पूर्ण रूप महान,

गुण उसमें है नीम के,

औषधि का करती काम।

- हमें विश्वास है कि हमारे पाठक स्वरचित रचनाएं ही इस कॉलम के तहत प्रकाशित होने के लिए भेजते हैं। हमारे इस सम्मानित पाठक का भी दावा है कि यह रचना स्वरचित सत्य तो यह है कि संघर्ष की थकान को दूर करने के लिए प्रेम-भरा आँचल पाने की बेचैनी होती ही है, जो क्लान्त मन को मृगछौने की तरह आँचल में छुपाकर समूची थकान को सोख ले।

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