अनौपचारिक पत्र हिंदी मै example
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अ ब स अपार्टमेंट
लोधी रोड
नई दिल्ली
29 सितंबर, 2019
प्रिय टिंकू,
यहाँ सब कुशल मंगल हैं , आशा करती हूँ वहां भी सब प्रसन्नता पूर्वक होंगे.
हाल ही में मुझे पिताजी से आपकी परीक्षाओं में खराब प्रदर्शन के बारे में पता चला। उन्हें आपकी पढ़ाई और करियर की चिंता थी। मुझे पता है कि आप बड़े सपने देखने वाले महत्वाकांक्षी बच्चे हैं। आप ने हमेशा हमें गौरवान्वित किया है। लेकिन आपकी हालिया प्रतिक्रिया संतोषजनक नहीं रही है। अब आपको एक ऐसी सौबत में देखा जाता है जो न तो आपके लिए अच्छी है और न ही आपके भविष्य के लिए।
टिंकू, आपको पता होना चाहिए कि अब जो समय चल रहा है, आपके भविष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय है। यदि आप अपने हाल के ऑनलाइन गेम की लत जैसी आदतों से पीड़ित हैं , तो आप अपना समय मार रहे हैं और अपने चमकते हुए भविष्य को नष्ट कर रहे हैं। मैं जानती हूं कि आप एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं। आपको चल रही स्थिति का विश्लेषण करना चाहिए। हमारे माता-पिता ने हमें सफल देखने के लिए अपना जीवन लगा दिया है। मुझे उम्मीद है कि आप सही निर्णय लेंगे क्योंकि यह चिंता न केवल आपको बल्कि आपके साथ जुड़े लोगों को भी होगी।
आपसे मिलने की उम्मीद है।
तुम्हारा प्यारी बहन
महिमा
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अनौपचारिक पत्र - Informal Letter in Hindi, Meaning, Format, Types, Example
informal letter in hindi
अनौपचारिक पत्र पत्र लेखन विषय - Informal Letter in Hindi, Types, Example, Format of Informal letter in Hindi
Informal Letter in Hindi - अनौपचारिक पत्र – An informal letter, also referred to as a personal letter written to friends or relatives. Informal letters are generally written for an invitation for some family function, to let our family and friends know what is happening in our life, to enquire about their well being, congratulate them on their achievements, wishing them a good look and much more.
Simple language is used while writing informal letters and there is no limitation of words. In this post, we have tried to let you know the types of informal letters, Format of Informal Letter in Hindi with examples.
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Letter Writing - पत्र लेखन
पत्र का शाब्दिक अर्थ होता है – ऐसा कागज जिस पर कोई बात लिखी या छपी हो। पत्र लेखन के माध्यम से हम अपने भावों और विचारों को व्यक्त कर सकते हैं। पत्रों के माध्यम से एक व्यक्ति अपनी बातों को लिखकर दूसरों तक पहुँचा सकता है। जिन बातों को लोग कहने में हिचकिचाते हैं, उन बातों को पत्रों के माध्यम से आसानी से समझाया या कहा जा सकता है।
Types of Letters - पत्रों के प्रकार
मुख्य रूप से पत्रों को निम्नलिखित दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है -
(1) औपचारिक-पत्र
(2) अनौपचारिक-पत्र
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Difference between formal or informal letter - औपचारिक और अनौपचारिक पत्रों में अंतर
Formal Letter in Hindi - औपचारिक पत्र
यह पत्र उन्हें लिखा जाता है जिनसे हमारा कोई निजी संबंध ना हो। औपचारिक पत्र लेखन में मुख्य रूप से संदेश, सूचना एवं तथ्यों को ही अधिक महत्व दिया जाता है। व्यवसाय से संबंधी, प्रधानाचार्य को लिखे प्रार्थना पत्र, आवेदन पत्र, सरकारी विभागों को लिखे गए पत्र, संपादक के नाम पत्र आदि औपचारिक-पत्र कहलाते हैं। औपचारिक पत्रों की भाषा सहज और शिष्टापूर्ण होती है। इन पत्रों में केवल काम या अपनी समस्या के बारे में ही बात कही जाती है।
Informal Letter in Hindi - अनौपचारिक पत्र
यह पत्र उन लोगों को लिखा जाता है जिनसे हमारा व्यक्तिगत सम्बन्ध रहता है। अनौपचारिक पत्र अपने परिवार के लोगों को जैसे माता-पिता, भाई-बहन, सगे-सम्बन्धिओं और मित्रों को उनका हालचाल पूछने, निमंत्रण देने और सूचना आदि देने के लिए लिखे जाते हैं। इन पत्रों में भाषा के प्रयोग में थोड़ी ढ़ील की जा सकती है। इन पत्रों में शब्दों की संख्या असीमित हो सकती है क्योंकि इन पत्रों में इधर-उधर की बातों का भी समावेश होता है।
अनौपचारिक पत्र किसे कहते हैं - What is Informal Letter in Hindi
अनौपचारिक पत्र उन व्यक्तियों को लिखे जाते हैं, जिनसे पत्र लेखक का व्यक्तिगत या निजी सम्बन्ध होता है। अपने मित्रों, माता-पिता, अन्य सम्बन्धियों आदि को लिखे गये पत्र अनौपचारिक-पत्रों के अंतर्गत आते है। अनौपचारिक पत्रों में आत्मीयता का भाव रहता है तथा व्यक्तिगत बातों का उल्लेख भी किया जाता है। इस तरह के पत्र लेखन में व्यक्तिगत सुख-दुख का ब्योरा एवं विवरण के साथ व्यक्तिगत संबंध को उल्लेख किया जाता है।
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अनौपचारिक-पत्र के प्रकार - Types of informal letter in Hindi
अनौपचारिक पत्रों में निम्नलिखित प्रकार के पत्र रखे जा सकते है-
1- बधाई पत्र
2- शुभकामना पत्र
3- निमंत्रण पत्र
4- विशेष अवसरों पर लिखे गये पत्र
5- सांत्वना पत्र
6- किसी प्रकार की जानकारी देने के लिए
7- कोई सलाह आदि देने के लिए
अनौपचारिक-पत्र लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें :
(i) भाषा सरल व स्पष्ट होनी चाहिए।
(ii) पत्र लेखक तथा प्रापक की आयु, योग्यता, पद आदि का ध्यान रखा जाना चाहिए।
(iii) पत्र में लिखी बात संक्षिप्त होनी चाहिए।
(iv) पत्र का आरंभ व अंत प्रभावशाली होना चाहिए।
(v) भाषा और वर्तनी-शुद्ध तथा लेख-स्वच्छ होना चाहिए।
(vi) पत्र प्रेषक व प्रापक वाले का पता साफ व स्पष्ट लिखा होना चाहिए।
(vii) कक्षा/परीक्षा भवन से पत्र लिखते समय अपने नाम के स्थान पर क० ख० ग० तथा पते के स्थान पर कक्षा/परीक्षा भवन लिखना चाहिए।
(viii) अपना पता और दिनांक लिखने के बाद एक पंक्ति छोड़कर आगे लिखना चाहिए।
(ix) पत्र में काट छांट नही होनी चाहिए।
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अनौपचारिक पत्रों का प्रारूप –
1. पता- सबसे ऊपर बाईं ओर प्रेषक (पत्र भेजने वाले) का नाम व पता लिखा जाता है।
2. दिनांक- जिस दिन पत्र लिखा जा रहा है, उस दिन की तारीख।