अनुराग-तडाग में भानु उदै बिगसी मनो मंजुल कंजकली |’ में अलंकर है *
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अनुराग-तडाग में भानु उदै बिगसी मनो मंजुल कंजकली |’ में अलंकर है *
अनुराग-तडाग में भानु उदै बिगसी मनो मंजुल कंजकली |’ में अलंकर है ।
अनुराग-तडाग में भानु उदै बिगसी मनो मंजुल कंजकली |
अलंकार : रूपक अलंकार
व्याख्या :
इस पंक्ति में रूपक अलंकार आएगा। रूपक अलंकार की परिभाषा के अनुसार जब उपमेय पर ही उपमान का आरोपण कर दिया जाए अर्थात उपमेय और उपमान के बीच के भेद को मिटाते हुए दोनों में अभिन्नता दर्शाई जाए, तब वहां पर ‘रूपक अलंकार’ प्रकट होता है।
रूपक अलंकार अर्थालंकारों में से एक अलंकार होता है। यहाँ पर उपमेय और उपमान के बीच कोई भी अंतर प्रदर्शित नहीं किया जाता है।
रूपक अलंकार के कुछ उदाहरण, जैसे
- चंद्रिका-चादर
- राम रतन-धन
- शशि मुख
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Explanation:
शोक भी कल सब रूहानी देख रूप सब बलतेज लखानी है कौन सा अलंकार है
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