अनुसार वे यमक अलंकार के अंतर उदाहरण सहित समझाएं
Answers
Answered by
1
जिस रचना में व्यंजनों की बार-बार आवृत्ति के कारण चमत्कार उत्पन्न होता है वहां पर अनुप्रास अलंकार होता है। अनुप्रास शब्द दो शब्दों के योग से बना हुआ है - अनु + प्रास, जहाँ पर अनु का अर्थ बार -बार और प्रास का तातपर्य - वर्ण है।
उदाहरण - मुदित महिपति मंदिर आए। सेवक सचिव सुमंत बुलाए ( ‘म’ और ‘स’ की आवृत्ति )
किसी काव्य में यमक अलंकार होने के लिए एक ही शब्द कि कम से कम दो बार आवृति होनी जरुरी है। हर बार शब्द का अर्थ अलग अलग होता है।
उदाहरण - कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौरात नर या पा बौराय।।
Hope it helps
Please mark this answer as brainliest
Similar questions