अनुसंधान प्रारूप से आप क्या समझते हैं? इसके प्रमुख प्रकारों का वर्णन कीजिए।
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Answer:
व्यापक अर्थ में अनुसन्धान (Research) किसी भी क्षेत्र में 'ज्ञान की खोज करना' या 'विधिवत गवेषणा' करना होता है। वैज्ञानिक अनुसन्धान में वैज्ञानिक विधि का सहारा लेते हुए जिज्ञासा का समाधान करने की कोशिश की जाती है। नवीन वस्तुओं की खोज और पुराने वस्तुओं एवं सिद्धान्तों का पुनः परीक्षण करना, जिससे कि नए तथ्य प्राप्त हो सकें, उसे शोध कहते हैं।
जर्मनी का 'सोन' (Sonne) नामक अनुसन्धान-जलयान
शोध उस प्रक्रिया अथवा कार्य का नाम है जिसमें बोधपूर्वक प्रयत्न से तथ्यों का संकलन कर सूक्ष्मग्राही एवं विवेचक बुद्धि से उसका अवलोकन-विश्लेषण करके नए तथ्यों या सिद्धांतों का उद्घाटन किया जाता है।
Explanation:
शोध कार्य सम्पन्न करने हेतु विभिन्न प्रणालियों का प्रयोग किया जाता है अतः शोध के कई प्रकार होते हैं जैसे-
मात्रात्मक अनुसंधान (क्वांटिटेटिव रिसर्च)
गुणात्मक अनुसंधान (क्वालिटेटिव रिसर्च)
विवरणात्मक अनुसंधान (डिस्क्रिप्टिव रिसर्च)
विश्लेषणात्मक अनुसंधान (एनालिटिकल रिसर्च)
अनुप्रयुक्त अनुसंधान (अप्लायड रिसर्च)
आधारभूत अनुसंधान (फण्डामेन्टल रिसर्च)
अवधारणात्मक अनुसंधान (कॉन्सैप्चुअल रिसर्च)
नैदानिक अनुसंधान (डायग्नोस्टिक / क्लीनिकल रिसर्च)
ऐतिहासिक अनुसंधान (हिस्टोरिकल रिसर्च)
अन्तरानुशासनात्मक अनुसन्धान संपादित करें
वैश्वीकरण और सूचना प्रौद्योगिकी के विस्तार के दौर में शोध के माध्यम से प्रत्येक शैक्षिक अनुशासन परस्पर संवाद की प्रक्रिया में है। फलतः अन्तरानुशासनात्मक शोध का महत्त्व बढ़ा है। इससे विभिन्न शैक्षिक विषयों का परस्पर आदान-प्रदान संभव हुआ है।
अन्तर-अनुशासनात्मक अनुसन्धान संपादित करें
अनुसंधान के अंतर्गत जब प्रत्येक विषय को एक पूर्ण इकाई के रूप में भिन्न-भिन्न न लेकर विभिन्न विषयों को एक समूह में रखा जाए, जिनका लक्ष्य एक ही हो अन्तर-अनुशासनात्मक अनुसन्धान कहलाता है। इससे विद्यार्थियों तथा शोधार्थियों को अधिकतम लाभ मिलता है। यह अनुसंधान समन्वित ज्ञान के विकास में भी सहायक होता है।
Answer:
निदर्शन को परिभाषित करें