अनुस्वार ,अनुनासिक , उपसर्ग , प्रत्यय की परिभाषा उदाहरण सहित लिखें।
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upsarg_lagne se sabd Ka arth badl jata h.
jaise_jay Ka prajay
pratyay_lagne se Naya sabd ban jata h.
अनुस्वार ,अनुनासिक , उपसर्ग , प्रत्यय की परिभाषा उदाहरण:
अनुस्वार व्यंजन होते हैं, जो स्वर के बाद आते हैं। अनुस्वार की ध्वनि नाक से निकलती है। अनुस्वार पंचम वर्ण अर्थात ङ्, ञ़्, ण्, न्, म् के जगह पर प्रयुक्त किये जाते हैं। इसमें बिंदु का प्रयोग होता है।
उदाहरण के लिये... हंस, कंस, आरंभ, अंतर, चिंता आदि।
अनुनासिक मूल रूप से स्वर होते हैं, इनका उच्चारण करते समय ध्वनि का उच्चारण करते समय मुँह से अधिक व नाक से कम होता है। अनुस्वार में चंद्र बिंदु का प्रयोग होता है।
जैसे... चाँद, हँसी, साँस, काँच आदि।
उपसर्ग’ किसी शब्द के आरंभ में लगाए जाने वाले हुए शब्दांश होते हैं, जिनका स्वतंत्र रूप में तो कोई अर्थ नहीं होता, परंतु किसी शब्द के आगे लगकर वह उस शब्द को एक नया अर्थ प्रदान करते हैं। उपसर्ग को अंग्रेजी में प्रीफिक्स (Prefix) कहते हैं।
जैसे.. सुविचार, अभिमान, प्रतिकार आदि।
प्रत्यय’ वह शब्दांश होते हैं, जिनका स्वतंत्र रूप में तो कोई अर्थ नहीं होता परंतु जो किसी शब्द के अंत में लगाए जाते हैं। इस कारण उस शब्द का या तो अर्थ पूरी तरह बदल जाता है अथवा शब्द के अर्थ को एक विस्तार मिलता है। अंग्रेजी में प्रत्यय को सफिक्स (Suffix) कहते हैं।
जैसे ..... उदारता, घमंडी, अधिकारी आदि।
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