Hindi, asked by darmendar56464, 6 months ago

अनुसरण सभी ग्रह समास भेद​

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Answered by sunakat483
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Answer:

पूर्वपद और उत्तरपद:-

समास में दो पद (शब्द) होते हैं। पहले पद को पूर्वपद और दूसरे पद को उत्तरपद कहते हैं। जैसे-गंगाजल। इसमें गंगा पूर्वपद और जल उत्तरपद है।

संस्कृत में समासों का बहुत प्रयोग होता है। अन्य भारतीय भाषाओं में भी समास उपयोग होता है। समास के छः भेद होते हैं:

1. अव्ययीभाव

2. तत्पुरुष

3. द्विगु

4. द्वन्द्व

5. बहुव्रीहि

6. कर्मधारय

1.अव्ययीभाव समास:-

जिस समास का पहला पद (पूर्व पद) प्रधान हो और वह अव्यय हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। जैसे - यथामति (मति के अनुसार), आमरण (मृत्यु कर) न् इनमें यथा और आ अव्यय हैं।

कुछ अन्य महत्वपूर्ण उदाहरण:

आजीवन - जीवन-भर, यथासामर्थ्य - सामर्थ्य के अनुसार

यथाशक्ति - शक्ति के अनुसार, यथाविधि - विधि के अनुसार

यथाक्रम - क्रम के अनुसार, भरपेट- पेट भरकर

हररोज़ - रोज़-रोज़, रातोंरात - रात ही रात में

प्रतिदिन - प्रत्येक दिन, निडर - डर के बिना

निस्संदेह - संदेह के बिना , प्रतिवर्ष - हर वर्ष

अव्ययीभाव समास की पहचान - इसमें समस्त पद अव्यय बन जाता है अर्थात समास लगाने के बाद उसका रूप कभी नहीं बदलता है। इसके साथ विभक्ति चिह्न भी नहीं लगता। जैसे - ऊपर के समस्त शब्द है।

2.तत्पुरुष समास:- जिस समास का उत्तरपद प्रधान हो और पूर्वपद गौण हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। जैसे - तुलसीदासकृत = तुलसी द्वारा कृत (रचित)

ज्ञातव्य- विग्रह में जो कारक प्रकट हो उसी कारक वाला वह समास होता है।

विभक्तियों के नाम के अनुसार तत्पुरुष समास के छह भेद हैं-

कर्म तत्पुरुष (गिरहकट - गिरह को काटने वाला)

करण तत्पुरुष (मनचाहा - मन से चाहा)

संप्रदान तत्पुरुष (रसोईघर - रसोई के लिए घर)

अपादान तत्पुरुष (देशनिकाला - देश से निकाला)

संबंध तत्पुरुष (गंगाजल - गंगा का जल)

अधिकरण तत्पुरुष (नगरवास - नगर में वास)

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